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दिल्ली: 12000 दुकानों की सीलिंग से सड़क पर आ जाएंगे लाखों लोग, यह है बचने का तरीका

जिन्होंने दुकानों का पंजीकरण नहीं करवाया है, उनसे वर्तमान शुल्क का 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 02 Feb 2018 04:57 PM (IST)
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दिल्ली: 12000 दुकानों की सीलिंग से सड़क पर आ जाएंगे लाखों लोग, यह है बचने का तरीका

नई दिल्ली (सुधीर कुमार)। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन में 12 हजार ऐसी दुकानों की पहचान की गई है, जिन्होंने निगम से पंजीकरण ही नहीं कराया। अब इन दुकानों पर सीलिंग की कार्रवाई तो होगी ही, उनके खिलाफ कन्वर्जन शुल्क का 10 गुना जुर्माना भी लगाया जाएगा। ऐसे दुकानदारों को एक फरवरी से नोटिस भेजे जाएंगे। हालांकि, नोटिस पहुंचने से पहले दुकानदार अगर पंजीकरण करा लेते हैं तो उन्हें जुर्माने से राहत मिल जाएगी।

नियमानुसार, बिना पंजीकरण कराए कोई भी व्यावसायिक कार्य नहीं किया जा सकता है, इसलिए पिछले दिनों पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन ने सर्वे कराया। इस सर्वे में नियमों का उल्लंघन कर दुकान चलाने वालों की भारी तादात देखने को मिली।

नियमों के अनुसार, व्यावसायिक व मिश्रित उपयोग की सड़कों पर खुलने वाली दुकानों को पंजीकरण करवाने के साथ ही कन्वर्जन शुल्क भी जमा कराना पड़ता है। इसलिए जिन्होंने पंजीकरण नहीं करवाया है, उनसे वर्तमान शुल्क का 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा।

शुल्क नहीं चुकाने वालीं पंजीकृत दुकानें भी होंगी सील

पूर्वी निगम क्षेत्र में 38 हजार दुकानें हैं, जो निगम से पंजीकृत हैं। इनमें कई दुकानदारों ने अभी तक कन्वर्जन शुल्क नहीं चुकाया है। इसलिए निगम ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। रोजाना 500 नोटिस भेजे जा रहे हैं। इनके खिलाफ भी एक फरवरी से कार्रवाई शुरू की जाएगी।

जहां लग चुके हैं शिविर, वहां शुरू होगी सीलिंग

पिछले वित्तीय वर्ष में कन्वर्जन शुल्क से 30 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि इस बार जनवरी में ही शाहदरा दक्षिणी जोन को 32 करोड़ रुपये का राजस्व मिल चुका है। निगम उपायुक्त अतीक अहमद कहते हैं कि अभी बचे हुए दो महीनों में और राजस्व मिलेगा। अब सीलिंग की कार्रवाई वहां की जाएगी, जहां कन्वर्जन शुल्क शिविर लगाए जा चुके हैं। अभी तक 30 में से 20 वार्डों में शिविर लग चुके हैं। अन्य बचे वार्डों में भी शीघ्र ही शिविर लगाए जाएंगे।

पार्षदों के आग्रह पर अब तक बंद थी सीलिंग

कन्वर्जन शुल्क नहीं चुकाने वाले दुकानदारों के खिलाफ पूर्वी निगम ने करीब 20 दिन पहले ही सी¨लग की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी, लेकिन जोनल बैठक में पार्षदों ने मांग की कि पहले सभी वार्डों में कन्वर्जन शुल्क शिविर लगाए जाएं, उसके बाद कार्रवाई की जाए। जोन चेयरमैन निर्मल जैन ने भी उपायुक्त को नरमी बरतने के निर्देश दिए थे और आखिरकार निगम ने सीलिंग की कार्रवाई रोककर वार्डो में शिविर लगाना शुरू किया।

सीलिंग को लेकर भाजपा और आप नेताओं में भिड़ंत

सीलिंग को लेकर राजधानी दिल्ली में मंगलवार को सियासी दलों में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सीलिंग मुद्दे का हल निकालने के लिए भाजपा नेताओं के साथ बैठक बुलाई गई थी। भाजपा नेताओं का आरोप है कि बैठक के दौरान उनसे धक्का-मुक्की और मारपीट की गई।

भाजपा नेताओं ने इस मामले में थाने में शिकायत भी की है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। मंगलवार सुबह सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी पार्टी के सांसद-विधायकों और महापौर के साथ पहुंचे थे।

बैठक के बाद भाजपा व आप नेताओं को एक साथ उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास जाने का कार्यक्रम था। बताया जा रहा है कि बैठक में मनोज तिवारी ने जैसे ही 351 सड़कों को अधिसूचित करने का मुद्दा उठाया, उनकी केजरीवाल के साथ बहस होने लगी। भाजपा नेताओं का आरोप है कि इसके बाद वहां धक्का-मुक्की शुरू हो गई और उनसे मारपीट भी की गई।

अफरा-तफरी के बीच भाजपाई बैठक का बहिष्कार कर चले गए। इस कारण न तो सीलिंग पर चर्चा हो सकी और न ही उपराज्यपाल निवास पर जाना ही हो पाया। दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर सीलिंग के मुद्दे पर गंभीर न होने और सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीलिंग के मसले पर सीएम केजरीवाल को रामलीला मैदान में खुली बहस की चुनौती दी है। दूसरी ओर, केजवरीवाल ने भाजपा नेताओं के आरोप खारिज करते हुए कहा कि अगर मारपीट की घटना हुई होती तो वे संबंधित नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिए होते।

एलजी से जांच कराने की मांग 

भाजपा के प्रदेश महासचिव रविंद्र गुप्ता ने सिविल लाइंस थाने में लिखित शिकायत देकर पूर्व विधायक जरनैल सिंह, राजेश ऋषि, अखिलेश त्रिपाठी व विधायक जितेंद्र सिंह तोमर को नामजद कराया है। उधर, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से घटना की जांच कराने की मांग की है।

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