बताया गया कि जीटीबी अस्पताल में आज यानी सोमवार को भी सुरक्षा कुछ खास नहीं है। प्रवेश द्वार पर गार्ड भी नहीं है। जीटीबी अस्पताल में कुल 227 सुरक्षा गार्ड हैं लेकिन, यहां के चिकित्सकों का आरोप है कि सब सिर्फ नाम के हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरती जाती है। आज अस्पताल में न ही मरीजों का पर्चा बनाया जा रहा है और न ही ओपीडी में देखा जा रहा है। इससे मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है।
वार्ड नंबर-24 में हुई थी वारदात
अस्पताल के वार्ड नंबर-24 (सर्जिकल वार्ड) में रविवार को बदमाशों ने घुसकर रियाजुद्दीन नाम के मरीज की हत्या की थी। बदमाश इस वार्ड में भर्ती मरीज वसीम को मारने आए थे। गलती से रियाजुद्दीन को मार गिराया। वारदात के बाद वसीम को एक अलग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
परिवार व पुलिस के अलावा किसी को उस वार्ड के बारे में नहीं बताया जा रहा है। उधर, रियाजुद्दीन के शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
दिल्ली में कानून-व्यवस्था का मखौल उड़ाते हुए बदमाशों ने बड़े अस्पतालों में शामिल जीटीबी अस्पताल के सर्जरी वार्ड में घुसकर दिनदहाड़े एक उपचाराधीन मरीज की गोली मारकर हत्या कर दी। तीन की संख्या में पहुंचे बदमाशों ने करीब सात राउंड गोलियां चलाईं। मृतक की पहचान रियाजुद्दीन के रूप में हुई है।
मरीज के साथ मौजूद नर्स और उसकी बहन पर भी बदमाशों ने दो राउंड गोलियां चलाईं। दोनों ने नीचे बैठकर किसी तरह खुद को बचाया। वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस को मौके से पांच खोखे मिले हैं। जीटीबी एन्क्लेव थाना ने हत्या की धारा में प्राथमिकी दर्ज की है।
वारदात के पीछे बदमाश समीर बाबा का आया नाम
वहीं, शुरुआती जांच में सामने आया है कि बदमाश इसी वार्ड में भर्ती शास्त्री पार्क थाने के घोषित बदमाश वसीम की हत्या करने के इरादे से आए थे, लेकिन निर्दोष रियाजुद्दीन की हत्या कर गए। वसीम के परिवार का दावा है कि वेलकम थानाक्षेत्र के बदमाश समीर बाबा ने अपने गुर्गों को मारने के लिए भेजा था। मृतक मरीज रियाजुद्दीन अपने परिवार के साथ श्रीराम कॉलोनी में रहता था। परिवार में मां नसीम बेगम, पत्नी हिना और दो बच्चे हैं। वह सात वर्ष से नशे का आदी था।
परिजनों ने बताया कि पेट में गांठ पड़ने पर दो माह पहले रियाजुद्दीन का जीटीबी अस्पताल में ऑपरेशन हुआ था। फिर से पेट में दर्द होने पर उसे 21 जून को लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से जीटीबी रेफर कर दिया गया था। वह अस्पताल की चौथी मंजिल स्थित वार्ड नंबर-24 में भर्ती था। यहां उसका दोबारा आपरेशन हुआ था।
नर्स के ऊपर भी चलाईं गोलियां
बहन तरन्नुम ने बताया कि रविवार दोपहर करीब चार बजे रियाजुद्दीन के पेट की पट्टी करने के दौरान वह नर्स के पास ही खड़ी थी। इसी दौरान तीन बदमाश वार्ड में आए। एक बदमाश ने जेब से पिस्टल निकालकर दो गोलियां भाई के पेट में मारीं, फिर नर्स और उनपर भी गोलियां चलाईं। वार्ड में भर्ती अन्य मरीज और तीमारदार दहशत में आ गए। बदमाश हवा में गोलियां चलाते हुए फरार हो गए। वार्ड के गेट पर सुरक्षाकर्मी मौजूद था, लेकिन बदमाशों को रोकने की उसकी हिम्मत नहीं हुई।
बता दें कि करीब तीन साल पहले जीटीबी अस्पताल में पुलिस सुरक्षा में इलाज के लिए पहुंचे गैंगस्टर कुलदीप उर्फ फज्जा को उसके साथी छुड़ाकर ले गए थे। इस दौरान भी अस्पताल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था।पट्टी कर रही नर्स व मरीज की बहन पर भी बदमाशों ने चलाईं गोलियां, दोनों बाल-बाल बचींहत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। बदमाशों की संख्या पर अभी कुछ कह नहीं सकते। बदमाशों ने गलती से युवक को मारा या किसी दूसरे को मारने आए थे, यह पता किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
- सुरेंद्र चौधरी, जिला पुलिस उपायुक्त
पेट की बीमारी के चलते रियाजुद्दीन को अस्पताल में भर्ती किया गया था। 24 जून को उसका आपरेशन किया गया था। वार्ड नंबर-24 में भर्ती बाकी मरीज और कर्मचारी सुरक्षित हैं। वारदात की सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे व स्थिति का जायजा लिया। अस्पताल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
- डॉ. प्रतिमा प्रसाद, प्रवक्ता जीटीबी अस्पताल
सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था शून्य
राजधानी के सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था शून्य है। वार्ड में कोई भी बेरोकटोक जा सकता है। चेकिंग नहीं की जाती है। कई अस्पतालों में मेटल डिटेक्टर, बैग स्कैनर जैसे उपकरणों की व्यवस्था नहीं है।