कवि कुमार विश्वास को एक बार फिर खुले मंच से मिला राजनीति का ऑफर, जानिए क्या था मौका?
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर कुमार विश्वास ने काफी काम किया था राजनीति को एक नई दिशा की ओर ले जाना चाहते थे मगर परिस्थितियां बदली और फिर आम आदमी पार्टी के साथ जो लोग शुरुआत से जुड़े थे वो सभी धीरे-धीरे करके अलग होते चले गए।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Wed, 24 Nov 2021 04:16 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास को एक बार फिर खुले मंच से राजनीति में आने का न्योता मिला है। इस बार उन्होंने खुद से किसी राजनीतिक दल का दामन न थामने का मन बना रखा है मगर फिर भी कुछ राजनीतिक दल उनको अपने साथ मिलाना चाहते हैं जिससे कुमार की फैन फालोइंग का उनको लाभ मिल सके। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़कर कुमार विश्वास ने काफी काम किया था, राजनीति को एक नई दिशा की ओर ले जाना चाहते थे मगर परिस्थितियां बदली और फिर आम आदमी पार्टी के साथ जो लोग शुरुआत से जुड़े थे वो सभी धीरे-धीरे करके अलग होते चले गए। इनमें अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी से अलग होने के बाद कुमार विश्वास ने किसी दूसरी राजनीतिक पार्टी की ओर रूख नहीं किया वो अपने कविता पाठ में दुबारा से रम गए। अब भी गाहे बगाहे आप से जुड़े होने की वजह से उन पर भी कटाक्ष हो जाता है। कई बार कुमार विश्वास खुद भी मंच से अपने पुराने समय और साथियों को याद करके कुछ न कुछ कह ही देते हैं। उनके मन में भी देश की राजनीति को लेकर नाराजगी रहती है।
खैर इन दिनों इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल है, ये वीडियो राजधानी लखनऊ का बताया जा रहा है। वीडियो प्रो.रामगोपाल यादव जी के 75 वें उत्सव का है। इसमें सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, उनके सुपुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, डॉ.उदय प्रताप सहित अन्य लोग मौजूद थे। मंच पर एक डॉ.उदय प्रताप बैठे थे। इसी बीच वीडियो में वो बोलते हुए सुने जाते हैं कि शब्द नेता जी के, बोल डॉ उदय प्रताप के। खुले मंच से खुला ऑफर...इधर आ जाओ, इसके बाद पूरे हाल में काफी तेजी से देर तक ठहाका गूंजता रहता है। कुमार भी अपनी हंसी को रोक नहीं पाते हैं और खुलकर हंसते हुए दिखाई देते हैं।मेरे प्यारे, जिस पुस्तक का मैंने विमोचन किया उसका शीर्षक “ राजनीति के पार” स्वयं में ही सूचना है😂।प्रो रामगोपाल जी के पचहत्तर-उत्सव में तो कांग्रेस, वामपंथ, दक्षिणपंथ से लेकर नए नौनिहाल दलों तक के नेता सम्मिलित थे🇮🇳
बस मैं और @proframgopalya1 जी की किताब ही “राजनीति के पार” थे😂 https://t.co/73ueNl1GZl
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) November 23, 2021
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