DU News: सात महीने बीते, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय में नियुक्त नहीं हो सका लोकपाल
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों को आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई एक व्यवस्था नहीं है। उन्हें अलग-अलग स्थानों पर चक्कर काटने पड़ते हैं। प्रवेश से संबंधित कोई समस्या है तो उन्हें प्रवेश शाखा आना पड़ता है। कुछ दिनों पहले डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के दूसरे सेमेस्टर की परिणाम देरी से आने के चलते छात्र नियमित कॉलेजों में माइग्रेशन के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 22 Nov 2023 10:14 AM (IST)
उदय जगताप, नई दिल्ली। छात्रों की समस्याओं को सुलझाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने लोकपाल की नियुक्ति के निर्देश दिए थे। दिल्ली विश्वविद्यालय ने लोकपाल की नियुक्ति पर सहमति जताई थी। लेकिन, सात महीने बीत चुके हैं, अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों को आने वाली समस्याओं को सुलझाने के लिए कोई एक व्यवस्था नहीं है। उन्हें अलग-अलग स्थानों पर चक्कर काटने पड़ते हैं। प्रवेश से संबंधित कोई समस्या है तो उन्हें प्रवेश शाखा आना पड़ता है, कॉलेज कई बार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते।
माइग्रेशन के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए छात्र
छात्रों को सर्वाधिक समस्या परीक्षा से संबंधित मामलों में आती है। परिणाम जारी न होने या अन्य समस्या होने पर उन्हें परीक्षा विभाग के चक्कर काटने पड़ते हैं। कुछ दिनों पहले डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के दूसरे सेमेस्टर की परिणाम देरी से आने के चलते छात्र नियमित कॉलेजों में माइग्रेशन के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए।रजिस्ट्रार और डीयू के दक्षिणी परिसर के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। रामजस कॉलेज की एक छात्रा ने बताया कि प्रवेश के वक्त बहुत सी समस्याएं आईं थीं। प्रवेश शाखा के कई बार चक्कर काटने पड़े। बड़ी मशक्कत के बाद उनकी सुनवाई हो सकी। उसमें भी छात्र संगठन ने दखल दिया, लेकिन हर छात्र की सुनवाई नहीं हो पा रही है।
प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी पर दिए थे लोकपाल की नियुक्ति के निर्देश
इसलिए जरूरी है कि एक केंद्रीकृत व्यवस्था छात्रों की समस्याएं सुलझाने के लिए बने। यूजीसी की ओर से ज्यादा फीस वसूलने, तय समय में दाखिला रद न करने के बाद फीस न लौटाने और प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ी जैसी कई शिकायतें मिलने के बाद लोकपाल की नियुक्ति के निर्देश दिए गए थे।Also Read-
सभी विश्वविद्यालयों को यूजीसी की ओर से पत्र भी लिखा गया था। चुनिंदा विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्त कर भी दी गई है। इसमें कहा गया था कि नवीन शैक्षणिक सत्र तक लोकपाल की नियुक्ति कर दी जाए। नियमों के मुताबिक लोकपाल को एक माह में छात्रों की समस्याओं का निपटारा करना होगा।
रिटायर जज, पूर्व कुलपति और प्रोफेसर ही लोकपाल हो सकते हैं, लेकिन अभी तक डीयू में इस पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी है। नियुक्ति लंबित क्यों चल रही है, इस बारे में जानकारी लेने के लिए डीयू के कुलपति प्रो. योगेश सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
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