दिल्ली में सात लोगों ने फर्जी ED अधिकारी बनकर की छापेमारी, पांच करोड़ के लिए रात भर रुके; सुबह ऐसे खुल गया भेद
दक्षिण दिल्ली के डीएलएफ फार्म इलाके में सात लोगों ने स्पेशल 26 फिल्म की तरह फर्जी ईडी अधिकारी बनकर एक व्यक्ति के घर छापेमारी की और 5 करोड़ रुपये की मांग की। पीड़ित को रात भर बंधक बनाकर रखा और सुबह खाते से पैसे निकालने के लिए बैंक पहुंचा। इसी दौरान पीड़ित ने मौका पाकर अपने वकील को बुला लिया और सवाल-जवाब के दौरान ठगों का भेद खुल गया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फिल्म स्पेशल 26 के अंदाज में सात लोग फर्जी ईडी अधिकारी बनकर दक्षिण दिल्ली के डीएलएफ फार्म इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति के घर छापेमारी करने पहुंचे और पांच करोड़ रुपये की मांग की। पैसों के लिए रात भर पीड़ित को उसके घर में बंधक बनाए रखा और सुबह उसके खाते से रुपये ऐंठने के लिए पीडित को लेकर हौज खास स्थित कोटक बैंक पहुंच गए।
इसी दौरान पीड़ित ने मौका पाकर अपने वकील को भी बुला लिया और सवाल जवाब के क्रम में जब भेद खुलने लगा तो ठग भाग निकले। मामले की सूचना मिलने के बाद ईडी व पुलिस अधिकारी बैंक पहुंचे और मामला दर्ज किया।
छतरपुर के अशोका एवेन्यू स्थित फार्म में हुई तलाशी
जांच एजेंसी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर बताया कि उसे 22 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे सूचना मिली कि कुछ लोग ईडी अधिकारी बनकर छतरपुर इलाके में अशोका एवेन्यू स्थित डीएलएफ फार्म इलाके में तलाशी ले रहे हैं। पीड़ित ने ईडी और पुलिस अधिकारियों को बताया कि 21 अक्टूबर की रात को दो कारों में सवार होकर सात लोग उसके घर आए और दावा किया कि वे ईडी अधिकारी हैं जो छापेमारी करने आए हैं।ठगों ने पीड़ित से पांच करोड़ की मांग की
उसने अधिकारियों को बताया कि तीन लोगों ने उससे बातचीत की, बाकी लोगों ने चेहरे पर मास्क पहना हुआ था। ईडी ने बताया कि ठगों ने पीड़ित से पूछा कि वह अपने बैंक खाते से नियमित रूप से नकदी क्यों निकाल रहा है? ठगों ने पीड़ित को उसके पुराने बैंक खाते के कुछ चेक भी दिखाए और पांच करोड़ रुपये की मांग की।ठगों ने पैसे नहीं देने पर उसे गिरफ्तार करने और साथ ले जाने की धमकी दी। इस पर पीड़ित ने बताया कि पैसे सुबह बैंक से ही निकाले जा सकते हैं, इसलिए फर्जी ईडी अधिकारी उस रात पीड़ित के घर पर ही रुके।
पीड़ित का वकील बैंक पहुंचा तो खुला भेद
ईडी के अनुसार, जब ठग अगले दिन व्यक्ति को बैंक ले जा रहे थे, उसी दौरान उसने अपने वकील को संदेश भेज दिया। ऐसे में पीड़ित का वकील भी बैंक पहुंच गया और ठगों की पहचान पूछी। ईडी ने कहा कि फर्जी ईडी अधिकारियों को पकड़े जाने का संदेह हुआ तो वे भाग गए।
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