Shaheen Bagh: शाहीन बाग में कुछ गलत हो गया तो पूरे देश में गलत मैसेज जाएगा: वार्ताकार
Shaheen Bagh वार्ताकार ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि कोर्ट ने अगर आगे हाथ बढ़ाया है तो आपको भी बात करनी चाहिए। यहां से गलत मैसेज नहीं जाना चाहिए।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 20 Feb 2020 11:57 PM (IST)
नई दिल्ली [गौरव बाजपेई]। Shaheen Bagh Protest: दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए पहुंचे वार्ताकार लगातार प्रदर्शनकारियों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच वार्ताकार ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आपका यही व्यवहार रहा तो हम कल से यहां नहीं आएंगे। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम पिछले दो महीने से प्रधानमंत्री मोदी का पलकें बिछाए इंतजार कर रहे हैं। वो शाहीन बाग आएं और हमसे बात करें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नियुक्त वार्ताकार संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह गुरुवार को दूसरे दिन बात कर रहे हैं।
Shaheen Bagh Protest:
- वार्ताकार ने कहा कि हम अपने साथ दो लोगों को ले जाना चाहते हैं जो सड़कों को जानते हैं। इसी बीच यह भी जानकारी आई कि कब्जे वाली सड़क का मुआयना करने के लिए वार्ताकार अपनी गाड़ी से जाएंगे। वार्ताकार धरना स्थल से कालिंदी कुंज की तरफ जा रहे हैं। उनके साथ में दो महिला प्रदर्शनकारी भी गए हैं।
- वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि कोर्ट ने अगर आपकी तरफ हाथ बढ़ाया है तो आपको भी हाथ बढ़ाना होगा। सड़क का मसला खत्म होने के बाद ही कानून पर सुनवाई करना आसान होगा। प्रदर्शन भी चले और सड़क भी चले तब शहीन बाग असलियत में एक मिशाल बनेगा। अगर शाहीन बाग में कुछ गलत हो गया तो पूरे देश में अलग अलग जगह गलत होगा, क्या आप यह चाहते हैं।
- प्रदर्शनकारी ने कहा शाहीन बाग हमारी पहचान है सुप्रीम कोर्ट हमारी पहचान बरकरार रखे और हमारी नागरिकता के सवाल पर हमारे साथ रहे। इस पर संजय हेगड़े ने इस कानून की सुनवाई कोर्ट करेगा। आप वहीं बाते बार बार ना दोहराए। लेकिन, तब तक यहां से नहीं जाएंगे ये कहना ग़लत है। सड़कों पर सबका हक है।
- बातचीत के दौरान वार्ताकार प्रदर्शनकारियों के व्यवहार से नाराज होते दिखे। उन्होंने कहा कि हम ऐसे में बात करने के लिए कल से नहीं आएंगे। बता दें कि वहां इतना शोर हो रहा है कि वार्ताकार सही तरीके से बातचीत नहीं कर पा रहे हैं।
- वार्ताकार से बात करने के दौरान एक प्रदर्शनकारी फूट फूट कर रोने लगा। कहा कि रोड खुलवाने की याचिका नहीं होनी चाहिए। इस पर वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि आप कैसे नागरिक है जो दूसरों के हक पर टिप्पणी कर रहे हैं। रामचंद्रन ने कहा कि हम यहां सिर्फ इस पर बात करने आए हैं कि सड़क खुलनी चाहिए या नहीं। लेकिन, यहां कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे हैं उन्हें यहां से निकाला जाना चाहिए। साधना रामचंद्रन ने एक प्रदर्शनकारी को बाहर जाने के लिए कहा। साधना रामचंद्रन ने कहा कि कल से हम धरनास्थल नहीं आएंगे।
- किसी और जगह ढूढने जा रहे हैं हम जहां महिलाओं से बात कर सके। कहा कि अगर यहां बात करना है तो 20-20 महिलाओं का गुट बात करे बाकी लोग बाहर जाए। वरना हम कल से नहीं आ पाएंगे।
- संजय हेगड़े ने कहा हम आपके बीच है और सबकी बात सुनकर कोई ना कोई हल जरूर निकलेंगे।
- वहीं साधना रामचंद्रन ने कहा कि बाकी सारे फैसले आपके हैं पर हम आपसे कैसे बात करें ये हमारा फैसला है। उन्होंने मीडिया की मौजदूगी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये कोई तमाशा नहीं है ये लोगों के हक का फैसला है। साधना रामचंद्रन ने कहा हमें ऐसी मीडिया की जरूरत नहीं है, जो हमें सिखाए की हमें क्या करना है। मीडिया हमें राय ना दे। उन्होंने कहा कि मीडिया के बाहर जाने पर ही बात करेंगे। हम वार्ताकारों का शुक्रिया करते है कि कानूनी तरीके से बातचीत करते हैं।
- इसी पर वहां मौजूद प्रदर्शनकारी ने पूछा डिटेंशन कैंप क्यों बनाए जा रहे हैं। असम का मामला हमारे सामने है। इस पर साधना रामचंद्रन ने सब लोगों से गुजारिश की एक ही बात को बार बार ना दोहराए।
- दूसरे वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शाहीन बाग देश के लिए मिशाल बननी चाहिए। लोगों की परेशानी को साथ मिलकर दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रोटेस्ट जारी रहे और रास्ता भी खुल जाए। इस पर संजय हेगड़े को लोगों ने नहीं में जवाब दिया। इस पर हेगड़े ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रहते आपके प्रदर्शन को कोई दिक्कत नहीं होगी।
- वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि क्या यह रास्ता खुल सकता है। इस पर लोगों का जवाब था नहीं । इसके बाद साधना रामचंद्रन ने फिर से पूछा क्या यह संभव नहीं की धरना चलता रहे और रास्ता भी खुल जाए। हम यहां सीएए और एनआरसी को लेकर बात करने नहीं आए हैं। हम सिर्फ इस पर बात करेंगे कि क्या सबकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता।
- नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में शाहीन बाग में 15 दिसंबर से शुरू हुआ धरना 66वें दिन भी जारी है।
- प्रदर्शन के चलते दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाला मार्ग 13 A पिछले दो महीने से भी अधिक समय से बंद है। इससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है।
- 17 फरवरी को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता निकालने के लिए तीन वार्ताकारों को नियुक्त किया है।
- बुधवार को वार्ताकारों का स्वागत प्रदर्शनकारियों ने गुलाब का फूल देकर किया था। बुधवार को तीसरे वार्ताकार हबीबुल्लाह नहीं पहुंचे थे इसके कारण प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बुलाने की मांंग की थी। हालांकि वह वहां अधिवक्ताओं के साथ पहुंचे थे।
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