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Jama Masjid: कौन बनेगा जामा मस्जिद का 14वां शाही इमाम, 25 फरवरी को होगी दस्तारबंदी की रस्म

25 फरवरी को जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी अपने बेटे और नायब इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी के नाम की घोषणा अपने जानशीन (उत्तराधिकारी) के रूप में करेंगे। शाही इमाम ने बताया कि परंपरा रही है कि शाही इमाम अपने जीवनकाल में ही अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करते हैं। इस रस्म के बाद भी सैयद अहमद बुखारी शाही इमाम के तौर पर जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे।

By Jagran News Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Fri, 23 Feb 2024 11:14 PM (IST)
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जामा मस्जिद का 14वां शाही इमाम बनने का 25 फरवरी को रास्ता साफ होगा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद एक बार फिर बड़े बदलाव का गवाह बनने जा रही है। 25 फरवरी को जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी अपने बेटे और नायब इमाम सैयद उसामा शाबान बुखारी के नाम की घोषणा अपने जानशीन (उत्तराधिकारी) के रूप में करेंगे।

दस्तारबंदी में बांधी जाती है शाही इमाम की पगड़ी

इस मौके पर उनकी शाही इमाम के तौर पर दस्तारबंदी की जाएगी। दस्तारबंदी की रस्म में शाही इमाम खुद अपने हाथों से नायब इमाम को शाही इमाम की पगड़ी बांधते हैं। शाही इमाम ने बताया कि परंपरा रही है कि शाही इमाम अपने जीवनकाल में ही अपने उत्तराधिकारी की घोषणा करते हैं।

हालांकि, इस रस्म के बाद भी सैयद अहमद बुखारी शाही इमाम के तौर पर जिम्मेदारियां निभाते रहेंगे। आने वाले वक्त में उनको अपनी सेहत के चलते या किसी और वजह से इस जिम्मेदारी को निभाने में मुश्किल आती है तो शाबान बुखारी शाही इमाम की जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आएंगे।

14वां शाही इमाम बनने का रास्ता होगा साफ

इस तरह से शाबान बुखारी के लिए जामा मस्जिद का 14वां शाही इमाम बनने का रास्ता साफ हो जाएगा। शाबान बुखारी को 2014 में नायब इमाम बनाया गया था। नायब इमाम के तौर पर उनकी दस्तारबंदी के बाद से ही उनका धर्म से जुड़े तमाम मामलों में देश और विदेश में प्रशिक्षण चल रहा है।

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