आफताब ने पहले गला घोंटा, फिर शव को टुकड़ों में काटा, थ्रिलर मूवी की स्क्रिप्ट जैसी है श्रद्धा की मर्डर स्टोरी
Shraddha Murder Case श्रद्धा और आफताब एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। श्रद्धा के घरवालों को ये रिश्ता मंजूर नहीं था जिसके चलते दोनों ने घर से भागने का फैसला कर लिया। दोनों दिल्ली में लिव-इन में रहने लगे थे। श्रद्धा आफताब के साथ घर बसाना चाहती थी।
By Aditi ChoudharyEdited By: Updated: Mon, 14 Nov 2022 01:24 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Shraddha Murder Case: देश की राजधानी दिल्ली में पिछले छह महीने से लापता मुंबई की श्रद्धा की मर्डर मिस्ट्री को पुलिस ने सुलझा लिया है। श्रद्धा का हत्यारा अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है। हैरत की बात ये है कि हत्यारा कोई और नहीं बल्कि युवती का लिव इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला है। दोनों मुबंई से भागकर दिल्ली में एक साथ रहने आए थे।
कॉल सेंटर से शुरू हुई थी दोस्ती
श्रद्धा की मर्डर स्टोरी किसी थ्रीलर मूवी की स्क्रिप्ट से कम नहीं है। बताया जा रहा है कि आफताब और श्रद्धा नाम की युवती की दोस्ती मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम के दौरान हुई थी। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। श्रद्धा के माता-पिता को आफताब पसंद नहीं था, जिसके कारण दोनों ने घर से भागने का फैसला कर लिया और दिल्ली आ गए। दिल्ली के छतरपुर इलाके में दोनों ने साथ मिलकर किराये का मकान लिया।
आफताब संग शादी के सपने देखने की मिली सजा
श्रद्धा अब अपने आगे की जिंदगी के बारे में सोच रही थी। वह प्रेमी आफताब के साथ घर बसाने के सपने देख रही थी। लिव इन में रहने के दौरान श्रद्धा अक्सर आफताब पर शादी के लिए दबाव बनाती थी। आफताब शादी नहीं करना चाहता था। इधर श्रद्धा के परिवार वाले सोशल मीडिया के जरिए बेटी की जानकारी लेते रहते थे।श्रद्धा मर्डर केस: हत्या के बाद शव के टुकड़े रखे रेफ्रीजरेटर में, बदबू ना आए इसलिए अगरबत्ती जलाता था आफताब
झगड़े में आफताब ने कर दी हत्या
कई महीने बीत जाने के बाद भी जब आफताब शादी के लिए नहीं माना तो दोनों के बीच इसको लेकर विवाद शुरू हो गया। 18 मई को भी दोनों के बीच शादी को लेकर खूब झगड़ा हुआ। इस बीच आफताब ने अपना आपा खो दिया और गला घोंटकर श्रद्धा की हत्या कर डाली।शव के 35 टुकड़े कर फ्रिज में रखे
इतने के बावजूद आफताब का मन नहीं भरा। उसने श्रद्धा के शव के छोटे-छोटे 35 टुकड़े कर डाले। पुलिस को उसने बताया कि उसने शव को रखने के लिए एक फ्रिज भी खरीदा था। फिर हर रात प्लास्टिक के थैली में शव के एक टुकड़े को महरौली जंगल में फेंक आता था, ताकि किसी को शक न हो। यह सिलसिला 18 दिन तक चलता रहा। वह हर रात को दो बजे शव का एक हिस्सा जाकर फेंक आता था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।