CBI का छापा पड़ा तो हटेंगे थानाध्यक्ष, दिल्ली पुलिस कमिश्नर का आदेश; रिश्वत के बढ़ते मामलों पर लिया फैसला
Delhi Police दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने राजधानी में बढ़ने रिश्वत लेने के मामलों को देखते हुए ये फैसला लिया है। कमिश्नर अरोड़ा ने अब यह नियम बनाया है कि अब थाना अध्यक्ष और चौकी इंचार्ज के साथ कार्रवाई की जाएगा जिनके यहां सीबीआई के छापे पड़ेंगे। पिछले माह एक के बाद कई थानों में सीबीआई के छापे पड़े थे।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली के थानों व चौकियों में आए दिन सीबीआई के छापे पड़ने से पुलिस महकमे में इन दिनों सभी जगह छापे की ही चर्चा हो रही है। इसको लेकर सवाल उठने पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने अब यह नियम बना दिया है कि जिस थाने अथवा चौकी में सीबीआई के छापे पड़ेंगे, वहां के थानाध्यक्ष का काम देखने वाले एटीओ या इंस्पेक्टर इंवेस्टिगेशन को लाइन हाजिर कर दिया जाएगा।
पिछले दो वर्षों से थानों व चौकियों में लगातार सीबीआई के छापे पड़ने पर जब सवाल उठने लगे, तब आयुक्त को कड़ा निर्णय लेना पड़ा है। उन्हें पुराने नियम को दोबारा लागू करना पड़ा। पूर्व पुलिस आयुक्त वाईएस डडवाल के कार्यकाल में इसी तरह का नियम था, जिसे बाद में खत्म कर दिया गया।
कई बार पड़ा सीबीआई का थाना
पिछले माह एक के बाद कई थानों में सीबीआई के छापे पड़ने पर पुलिस आयुक्त ने दोनों कानून एवं व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव व मधुप तिवारी को अपने-अपने जोन के आला अधिकारियों की बैठक बुला पुलिस को भ्रष्टाचार के मामले में फंसने से बचने की सख्त हिदायत देने को कहा।इसके बाद मधुप तिवारी ने अपने जोन के संयुक्त आयुक्त व डीसीपी को मुख्यालय में बुला एसीपी व थानाध्यक्षों के जरिये पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेने से बेचने की हिदायत देने को कहा गया।
रवींद्र सिंह यादव ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया। थानाध्यक्षों को लाइन हाजिर करने का अभी मौखिक आदेश ही दिया गया है। इसको लेकर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है।
पिछले माह एएसआई हुआ गिरफ्तार
बीते 26 जुलाई को द्वारका सेक्टर 23 थाने में तैनात एएसआई अनिल कुमार को सीबीआई ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। एएसआइ ने पीड़ित से उसके जब्त वाहन को छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपये की मांग की थी। जिससे पीड़ित ने मामले की शिकायत सीबीआई में कर दी थी।
छापे की जानकारी पुलिस आयुक्त को मिलने पर उनके निर्देश पर थाने में एसएचओ का कामकाज देख रहे एटीओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस तरह की यह पहली कार्रवाई थी। पीड़ित की स्कूटी की टक्कर हो जाने पर एएसआइ ने स्कूटी जब्त कर ली थी।कोर्ट का आदेश लेकर जब पीड़ित स्कूटी छुड़वाने पहुंचा तब उसने स्कूटी को नहीं छोड़ा और उससे 50 हजार रुपये की मांग की गई थी। पीड़ित द्वारा सीबीआई से शिकायत कर देने पर एएसआई को चालीस हजार रिश्वत लेते पकड़ लिया गया।
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