Delhi High Court से अमानतुल्लाह खान को झटका, अदालत ने कार्रवाही पर रोक लगाने से किया इनकार
Amanatullah Khan Case आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ट्रायल कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने ईडी को कहा कि वह अपना जवाब दाखिल करे। इस मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP News) विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड में अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जारी समन का पालन न करने के लिए ट्रायल कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
अदालत ने अमानतुल्लाह खान की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख 28 अक्टूबर तय की। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने कहा कि मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट को कम से कम यह तय करने दें कि कोई अपराध हुआ है या नहीं।
अमानतुल्लाह ने हाईकोर्ट से ट्रायल कोर्ट के 31 जुलाई के आदेश को रद करने की मांग की थी। ईडी ने चार अप्रैल को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 190 के साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174 और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 63 व धारा 50 के तहत जारी समन का पालन न करने के लिए शिकायत दर्ज की थी।
अधिवक्ता रजत भारद्वाज और कौस्तुभ खन्ना के माध्यम से हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में अमानतुल्लाह खान ने कहा था कि समन आदेश कानून के विपरीत है क्योंकि इसे विवेकपूर्ण तरीके से नहीं बल्कि लापरवाही से पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि समन जारी करते समय कोर्ट यह समझने में विफल रहा कि ईडी के समन के जवाब में उनकी गैरहाजिरी जानबूझकर नहीं थी, क्योंकि उन्होंने उचित और वैध स्पष्टीकरण दिए थे।
अधिवक्ता भारद्वाज ने तर्क दिया कि जब उनका मुवक्किल जांच एजेंसी के समक्ष पेश हुआ तो सभी नोटिसों का अनुपालन किया गया। वहीं, ईडी की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैल ने अमानतुल्लाह की याचिका पर आपत्ति जताते हुए याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अमानतुल्लाह खान द्वारा 14 समन टालने के बाद जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की थी।
हुसैन ने दावा किया कि आदेश उचित सोच-समझकर पारित किया गया था और यह गलत नहीं था। खान के खिलाफ ईडी की जांच वर्ष 2016 में सीबीआई द्वारा दर्ज एक मामले से उपजी थी, जिसमें आप विधायक पर गैर-स्वीकृत और गैर-मौजूद रिक्तियों के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड में विभिन्न लोगों को अवैध रूप से नियुक्त करने का आरोप लगाया गया था। जिससे दिल्ली सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ और खुद को अवैध लाभ हुआ। उन पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध रूप से पट्टे पर देने का भी आरोप है।