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Shraddha Murder Case: आफताब ने मुंबई में ही रच दी थी हत्या की साजिश, सामने आया 18 का कनेक्शन

श्रद्धा और आफताब दोनों हिमाचल प्रदेश में करीब तीन हफ्ते तक रुके। उसके बाद आठ मई को वे दिल्ली आ गए थे। यहां दो दिन पहले दोनों पहाड़गंज के एक होटल में रुके। पैसे कम पड़ने पर दोनों साकेत के सैदुलाजाब में एक पीजी में चार दिन रुके।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: Prateek KumarUpdated: Mon, 14 Nov 2022 09:03 PM (IST)
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Shraddha Murder Case: आठ मई को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली आ गए थे आफताब व श्रद्धा वाकर।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Shraddha Murder Case: मुंबई के मलाड की रहने वाली श्रद्धा वाकर की हत्या की साजिश आफताब अमीन ने विगत अप्रैल में मुंबई में ही रच डाली थी। वह जानबूझ कर श्रद्धा को लेकर हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए निकला था, ताकि उनके रिश्ते मधुर हो जाए। हिमाचल प्रदेश में दोनों करीब तीन हफ्ते तक रुके। उसके बाद आठ मई को वे दिल्ली आ गए थे। यहां दो दिन पहले दोनों पहाड़गंज के एक होटल में रुके।

पैसे कम पड़ने पर दोनों साकेत के सैदुलाजाब में एक पीजी में चार दिन रुके। उसके बाद एक दोस्त की मदद से आफताब ने छतरपुर में ऐसी जगह पर किराए पर घर लिया जहां पास में जंगल हो।  यह भी बता दें कि इस केस में 18 का एक अजब संयोग सामने आया है। इस केस में श्रद्धा का मर्डर 18 मई की रात को की गई थी और 18 दिनों तक वह शव के टुकड़े को जंगल में फेंकता रहा।    

18 मई की रात को नींद में सोते वक्त गला घोंटकर की हत्या

15 मई से दोनों किराए के घर में रहने लगे। नौ हजार रुपये में किराए पर घर लिया था। चार दिन बाद 18 मई की रात आफताब ने श्रद्धा की उस समय गला घोंटकर हत्या कर दी जब वह गहरी नींद में सो रही थी। ताकि वह शोर नहीं मचा पाए और विरोध नहीं कर सके। वारदात के अगले दिन 19 मई को आफताब पास के मार्केट से फ्रिज व आरी खरीदकर ले आया। आरी से आफताब ने श्रद्धा के शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर दिए, जिससे उसे आसानी से फ्रिज में रखा जा सके।

शेफ के प्रशिक्षण के दौरान मिली थी काटने की ट्रेनिंग

पुलिस अधिकारी का कहना है कि आफताब ने भी मुंबई से स्नातक कर रखा है। साथ ही उसने तीन साल पहले मुंबई के एक होटल में शेफ की नौकरी की थी। नौकरी के दौरान उसने दो सप्ताह का शेफ का प्रशिक्षण लिया था। जिसमें उसे बताया गया था कि अगर उसे पूरा बकरा व मुर्गा दे दिया जाए तो वह उसके किस तरह छोटे-छोटे टुकड़े करे, ताकि उसे आसानी से फ्रिज में रखा जा सके। साफ सफाई आदि के बारे में भी प्रशिक्षण दिया गया था। इससे आफताब को शरीर के टुकड़े करने की बखूबी जानकारी थी।

हॉलीवुड-वेब सीरीज देख कर ही आया था सबूत मिटाने आइडिया   

पुलिस का कहना है कि आफताब बचपन से हालीवुड की वेब सीरिज देखने का शौकीन है। उसने हाल ही में वेब सीरिज डेक्सटर देखी थी, तभी उसने मन में यह प्लान भी कर लिया था कि अगर उसे श्रद्धा की हत्या करना पड़े तब वह सबूत मिटाने के लिए इसी तरह का काम करेगा।

आरी से शव के किए 35 टुकड़े

ऐसे में आफताब ने श्रद्धा के शव के आरी से करीब 30-35 छोटे छोटे टुकड़े करने के बाद उसे पालीथीन में भरकर फ्रिज में रख दिया था। उसके बाद 20 मई से हर दिन रात दो बजे पीट्ठू बैग में एक-एक पालीथीन लेकर जंगल में फेंक आता था। शव को निपटाने के बाद आफताब यह सोचकर वहां अकेले रहा था ताकि मुंबई पुलिस उसके ठिकाने के बारे में पता न लगा पाए।

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