Shraddha Murder Case: नार्को, पॉलीग्राफ टेस्ट, 150 गवाह और डिजिटल सबूत आफताब को सजा दिलाने में बनेंगे मददगार
Shraddha Murder Case हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस ने नौ टीमों को गठन किया था। इसके बाद दिल्ली में जांच के साथ ही पुलिस टीमें गुरुग्राम हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र भी भेजी गईं। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वीडियो हासिल कर अपराध को लेकर इनका सीक्वेंस बनाया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। श्रद्धा हत्याकांड में दिल्ली पुलिस ने आफताब के नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट की जो रिपोर्ट तैयार की थी उससे आरोपित आफताब पूनावाला को सजा दिलाने में मदद मिलेगी।
गहन जांच पड़ताल के बाद दिल्ली पुलिस ने मामला सामने आने के 75 दिन के भीतर 24 जनवरी को साकेत कोर्ट में 6,629 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। साथ ही श्रद्धा और आफताब के दोस्तों समेत 150 से अधिक गवाहों से पूछताछ करने के साथ परिस्थितिजन्य और डिजिटल साक्ष्य जुटाए थे।
हत्याकांड की जांच के लिए पुलिस ने नौ टीमों को गठन किया था। इसके बाद दिल्ली में जांच के साथ ही पुलिस टीमें गुरुग्राम, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र भी भेजी गईं। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और वीडियो हासिल कर अपराध को लेकर इनका सीक्वेंस बनाया गया। इसमें श्रद्धा और आफताब की गतिविधियों को देखा गया।
श्रद्धा और आफताब के दोस्तों से हुई थी पूछताछ
आरोपित का मोबाइल, लैपटाप, दोनों के इंटरनेट मीडिया के खातों की जांच, काल रिकार्ड विवरण, जीपीएस लोकेशन, क्रेडिट कार्ड व अन्य माध्यमों से हुए भुगतान का विवरण और श्रद्धा के दोस्तों और आफताब के दोस्तों से पूछताछ आदि को लिया गया। इसके बाद आरोपपत्र दाखिल किया गया।
पुलिस ने आरोपत्र में कहा था कि आफताब ने श्रद्धा की कई हड्डियों को मार्बल काटने वाले ग्राइंडर से पीसकर पाउडर बनाकर जंगलों में फेंक दिया था। इतना ही नहीं उसने श्रद्धा के शव को जलाने और अंगुलियां अलग करने के लिए चिंगारी वाली टार्च का भी इस्तेमाल किया था। श्रद्धा की हत्या के तीन माह बाद आफताब ने उसके सिर का हिस्सा फेंका।
मुंबई में फेंका था श्रद्धा का मोबाइल और लिपस्टिक
श्रद्धा का मोबाइल और लिपस्टिक उसने मुंबई में ही फेंक दी थी। आरोपपत्र में कहा गया है कि हत्या वाले दिन दोनों की मुंबई जाने की योजना थी, लेकिन अचानक आफताब ने टिकट रद करवा दीं। उसके बाद दोनों में खर्च को लेकर झगड़ा और मारपीट हुई थी। झगड़े के दौरान आफताब ने श्रद्धा को बिस्तर पर गिराकर उसके सीने पर बैठ कर गला दबा दिया था।
हत्या के बाद पहले उसने शव को बड़े ट्राली बैग में भरकर फेंकने का प्लान बनाया था। ट्राली बैग ढूंढने में देरी होने के दौरान उसके मन में यह बात आई कि बैग में रखकर वह पकड़ा भी जा सकता है तब उसने वह प्लान रद कर दिया था। फिर उसने शव को अलग-अलग टुकड़ों में काटने का प्लान किया। इसके लिए वह बाजार से एक आरी, एक हथौड़ा और तीन चाकू खरीदकर लाया था।