Shraddha Walker Murder: दिल्ली हाईकोर्ट ने आफताब पूनावाला की ठुकराई मांग, कहा- निचली अदालत को नहीं दे सकते निर्देश
Shraddha Walker Murder Case श्रद्धा वालकर और आफताब पूनावाला लिव-इन में रहते थे। आरोपी ने श्रद्धा को गला दबाकर मार डाला। इसके उसने शरीर के टुकड़े किए फिर उन्हें फ्रिज में रखा। धीरे-धीरे वह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में उन टुकड़ों को फेक आता था। पुलिस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। आरोपी के मामले में निचली अदालत में सुनवाई चल रही है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चर्चित श्रद्धा वालकर हत्या मामले में तारीखें तय करने के संबंध में साकेत न्यायालय को निर्देश देने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ ने कहा कि पेशेवर असुविधा मुकदमे में देरी का आधार नहीं हो सकती। पीठ ने कहा कि यह सराहनीय है कि निचली अदालत ने कार्य का अत्यधिक भार के बावजूद मामले को एक महीने में 10 तारीखों पर सूचीबद्ध किया।
अदालत ने स्पष्ट कहा कि आरोपित आफताब ट्रायल कोर्ट की सुविधा के अनुसार समायोजन करेंगे, ट्रायल कोर्ट उसकी सुविधा के अनुसार समायोजित नहीं करेगा। पीठ ने कहा कि असाधारण मामलों में कभी-कभी ट्रायल कोर्ट पर दबाव रहता है और यह एक ऐसा मामला है, जहां निचली अदालत उचित गति से आगे बढ़ रही है, लेकिन आरोपित चाहता है कि अदालत अपने कैलेंडर को उसके कैलेंडर के हिसाब से बनाएं।
निचली अदालत की कार्यवाही पर पीठ ने कहा कि यह यह सबसे अच्छा रिकार्ड है कि निचली अदालत ने बहुत कम समय में 120 गवाहों का बयान दर्ज किया है। पीठ ने स्पष्ट किया कि महत्वपूर्ण गवाहों की गवाही के लिए अदालत आपका इंतजार नहीं करेगी कि उनसे आपकी उपस्थिति में पूछताछ की जाए।
जरूरी यह है कि आरोपित अदालत के समक्ष अपनी उपस्थिति खुद उपलब्ध कराए। उक्त टिप्पणी के साथ ही अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि गवाहों से जिरह की तैयारी के लिए आरोपित को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए। इस पर आफताब की तरफ की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि इसके लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है तो वे ट्रायल कोर्ट से ही अनुरोध करें।
यह भी अनुरोध किया कि ट्रायल कोर्ट को मुख्य बचाव वकील की उपस्थिति में ही महत्वपूर्ण गवाहों की जांच करने और जिरह की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने का निर्देश दिया जाए।
हालांकि, अदालत ने उनकी मांग को ठुकरा दिया। पूनावाला के वकील ने कहा कि इतनी सारी तारीखों को समायोजित करना असंभव है। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि सभी मामले एक ही गति से नहीं चलते हैं और ट्रायल कोर्ट में पेश होना वकील पर निर्भर है।
पीठ ने कहा कि आरोपित हाईकोर्ट से यह अनुरोध नहीं कर सकता कि वह ट्रायल कोर्ट से कहे कि कृपया वकील के अनुसार तारीखें दें। आफताब और श्रद्धा वालकर लिव-इन रिलेशनशिप में था और उसने वालकर की 18 मई 2022 को गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
इसके बाद उसके शव के टुकड़ों को अलग-अलग जगह पर फेंक दिया था। इस मामले में पुलिस ने पूनावाला के विरुद्ध जनवरी 2023 में आरोप पत्र दाखिल किया था।
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