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सलमान खान को मारने की साजिश रच रहा लॉरेंस सिंडिकेट, सचिन बिश्नोई ने स्पेशल सेल की पूछताछ में दी जानकारी

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी सचिन बिश्नोई ने पूछताछ में बताया कि सलमान खान की हत्या की साजिश रचकर तीन बार वारदात को अंजाम देने से चूक जाने वाला कुख्यात लारेंस बिश्नोई सिंडिकेट अभी भी उनकी हत्या की साजिश रच रहा है। मूसेवाला की हत्या की साजिश उसने लॉरेंस सिंडिकेट के साथी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ मिलकर दुबई में ही रची।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 02 Aug 2023 09:38 PM (IST)
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सलमान खान को मारने की साजिश रच रहा लॉरेंस सिंडिकेट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फिल्म अभिनेता सलमान खान की हत्या की साजिश रचकर तीन बार वारदात को अंजाम देने से चूक जाने वाला कुख्यात लारेंस बिश्नोई सिंडिकेट अभी भी उनकी हत्या की साजिश रच रहा है। अजरबैजान से प्रत्यर्पण पर भारत लाए गए लॉरेंस का भांजा सचिन बिश्नोई ने स्पेशल सेल की पूछताछ में यह सनसनीखेज जानकारी दी है।

दुबई में रची थी मूसेवाला की हत्या की साजिश

उसने जांच एजेंसी को कुछ और भी जानकारी देते हुए बताया है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश उसने लॉरेंस सिंडिकेट के साथी गैंगस्टर गोल्डी बराड़ व लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ मिलकर दुबई में ही रची थी। साजिश रचने के बाद गोल्डी ने सचिन को मूसेवाला की हत्या करने वाले शूटरों के लिए गाड़ियां उपलब्ध कराने का टास्क दिया था। जिसपर उसने शूटरों को गाड़ियां उपलब्ध करा दी थी।

फर्जी पासपोर्ट के जरिए दुबई भाग गया

सचिन अभी स्पेशल सेल की कस्टडी में है। स्पेशल सेल के काउंटर इंटेलिजेंस को सचिन बिश्नोई थापन ने सिलसिलेवार तरीके से मूसेवाला हत्याकांड और विदेश से लॉरेंस गिरोह कैसे अपना क्राइम सिंडिकेट चला रहा है उस बारे में जानकारी दी है। सचिन ने पूछताछ में बताया कि वह अप्रैल 2022 में फर्जी पासपोर्ट के जरिए दिल्ली एयरपोर्ट से नेपाल होते हुए दुबई भाग गया था।

तिहाड़ में बंद लॉरेंस से फोन पर की थी बात

दुबई में रहते हुए उसने दर्जनों बार गोल्डी बराड़ और उन दिनों तिहाड़ जेल में बंद लॉरेंस से फोन पर बात की थी। लॉरेंस ने उसे कहा था कि वह जेल से फोन पर अधिक बात नहीं कर पाएगा। वह गोल्डी व अनमोल से मूसेवाला को लेकर प्लानिंग कर ले, तब उसने लॉरेंस से अधिक बात करना बंद कर दिया था। दुबई में ही सचिन की मुलाकात गैंगस्टर विक्रम बराड़ से हुई थी।

विक्रम वहां किराए के फ्लैट में गिरोह के चार-पांच सदस्यों के साथ रहता था। उसके पास अत्याधुनिक हथियार थे। विक्रम के पास वह करीब डेढ़ माह रूका था। विक्रम के पास हवाला से पैसे आता था। 29 मई 2022 को मूसेवाला की हत्या के बाद भारतीय एजेंसियां जब अलर्ट हो गई तब गोल्डी बराड़ ने उसे फोन कर बताया था कि उसका पासपोर्ट ब्लैक लिस्ट हो गया है।

मूसेवाल की हत्या के कुछ दिन बाद अजरबैजान पहुंचा

उसके बाद सचिन को अजरबैजान भेज दिया गया था। मूसेवाला की हत्या के कुछ दिन बाद ही वह अजरबैजान पहुंच गया था। वहां उसने 1500 बाकु पर बाकु में एक फ्लैट किराए पर लिया था। अजरबैजान में रहकर उसने दो माह तक दविंदर बंबीहा गिरोह के गैंगस्टर विक्की मिड्डूखेड़ा के हत्यारे हरियाणा के गैंगस्टर कौशल चौधरी को हरियाणा पुलिस की कस्टडी में मरवाने की साजिश रची थी।

उसी दौरान एक दिन सुबह के समय पार्क में वाक करने जाने पर उसे अजरबैजान पुलिस ने पकड़ लिया था उसके बाद से वह वहां के डिटेंशन सेंटर में बंद था। उसने केस लड़ने के लिए एक वकील किया था जिससे वह लैंडलाइन पर बातें कर पाता था। गोल्डी और अनमोल अब अमेरिका में है। पूछताछ में सचिन ने बताया कि दुबई में रहने के दौरान गैंगस्टर रोहित गोदारा से भी उसकी मुलाकात विक्रम बराड़ के घर पर हुई थी। विक्रम अभी साउथ अफ्रीका के एक शहर में है।

सचिन ने बताया कि पंजाब के कुछ और सिंगर लारेंस सिंडिकेट के निशाने पर हैं। अजरबैजान में रहकर सचिन ने अजेरी भाषा सीख ली थी। वह अब रशियन भाषा भी सीखने की कोशिश कर रहा था। अगर वह अजरबैजान में नहीं पकड़ा जाता तब उसकी योजना गोल्डी और अनमोल के पास अमेरिका शिफ्ट होने की थी। स्पेशल सेल का कहना है कि लारेंस सिंडिकेट एक कार्पोरेट कंपनी की तरह काम कर रही है। गिरोह को हर माह करोड़ो की कमाई हो रही है।

लॉरेंस क्राइम सिंडिकेट की दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान के बिल्डरों, ठेकेदारों, क्रिकेट के बुकी, ड्रग्स व शराब तस्करों, कारोबारियों, भू माफिया, डाक्टरों आदि से हर माह रंगदारी की रकम फिक्स है जो गिरोह को पैसे देने से आनाकानी करता है उनके घरों और दफ्तरों पर ताबड़तोड़ फायरिंग करवा दिया जाता है। गिरोह के सक्रिय सदस्यों को हर माह सैलरी के तौर पर पैसे दिए जाते हैं। बाकी पैसा हवाला के जरिए गोल्डी व अनमोल को भेज दिया जाता है जिससे पाकिस्तान और यूएसए आदि देशों से अत्याधुनिक हथियारों की खरीद होती है।

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