पिछले दिनों भारत के सिख नेता पर US में हुआ था हमला, जुड़ रहा ISI से लिंक
दावा है कि दिल्ली कमेटी द्वारा लड़ी जा रही 1984 सिख विरोधी दंगे की लड़ाई को कमजोर करने के लिए यह हमला कौम के कातिलों एवं आइएसआइ के एजेंटों ने मिलकर किया है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 27 Aug 2018 02:14 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके पर कैलिफोर्निया के यूबा सिटी में हुए हमले के पीछे आइएसआइ का हाथ है। यह दावा कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने किया है। जीके पर हमले को लेकर कमेटी दफ्तर में शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के प्रभारी और राज्यसभा सदस्य बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में बैठक हुई, जिसमें जीके पर हुए हमले की निंदा की गई। बाद में कालका ने कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ की शह पर कार्य करने वाले सिख फॉर जस्टिस के कार्यकर्ता साबी सिंह ने पहले ही जीके को कैलिफोर्निया आने पर हमले की धमकी दी थी।
दावा किया जा रहा है कि रविवार को हुए कातिलाना हमले में सिख फॉर जस्टिस कार्यकर्ता जसबीर सिंह दिल्ली एवं उसका बेटा गगनदीप सिंह शामिल था। कालका ने दावा किया कि 1984 सिख विरोधी दंगे के एक गवाह की गवाही बदलवाने के लिए कांग्रेसी नेता एचकेएल भगत और जगदीश टाइटलर की तरफ से पैसे देने की पेशकश की थी।
उन्होंने कहा कि हमले से एक बात साबित हो गई है कि दिल्ली कमेटी द्वारा लड़ी जा रही 1984 सिख विरोधी दंगे की लड़ाई को कमजोर करने के लिए यह हमला कौम के कातिलों एवं आइएसआइ के एजेंटों ने मिलकर किया है। उन्होंने हमले के दौरान दस्तार के हुए अपमान पर गहरी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि जीके ने दस्तार की अहमियत को दिखाने के लिए इटली के रोम में दस्तार की तलाशी देने से एयरपोर्ट पर मना कर दिया था, लेकिन आज जिस तरीके से कौम के कातिलों के समर्थकों एवं देश को बांटने का मंसूबा पालने वाली ताकतों ने मिलकर हमला किया है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
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