Mohammed Zubair Alt News: आल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर का सीतापुर से क्या है कनेक्शन, जांच में जुटी दिल्ली पुलिस
Mohammed Zubair Alt News आल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को महंत बजरंग मुनि यति नरसिंहानंद सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप पर उनके ट्वीट के माध्यम से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज है।
नई दिल्ली, एएनआइ। Mohammed Zubair Alt News: पैगंबर मोहम्मद पर नुपुर शर्मा की विवादास्पद टिप्पणी के बाद फैक्ट चेकिंग के नाम पर हिंसा को भड़काने वाले आल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मुहम्मद जुबैर का दिल्ली पुलिस सीतापुर से कनेक्शन तलाश रही है। इसलिए दिल्ली पुलिस आरोपित मोहम्मद जुबैर को सीतापुर लेकर गई है। आरोप है कि जुबैर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर समाज में घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और देश की छवि खराब करने में जुटा था।
#WATCH | UP: Delhi Police bring Alt News co-founder Mohammed Zubair to Sitapur in connection with a case registered against him here for allegedly inflaming religious sentiments through his tweet on Mahant Bajrang Muni, Yati Narsinghanand Saraswati and Swami Anand Swaroop. pic.twitter.com/UyVfrcpsHD
दरअसल, आल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को महंत बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप पर उनके ट्वीट के माध्यम से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज है। इसी मामले के सिलसिले में सोमवार को आल्ट न्यूज के को फाउंडर को दिल्ली पुलिस सीतापुर लेकर आई है।
कौन है मोहम्मद जुबैर
आल्ट न्यूज भारत के लगभग सभी बड़े-छोटे मीडिया हाउस की खबरों का फैक्टचेक करता रहता है। उसने कई बड़े फेक न्यूज के खुलासे किए हैं। आल्ट न्यूज के इस काम की देश ओर विदेशों तक में सराहना की गई है। जानकारी के मुताबिक इंस्टाग्राम पर जुबैर के लगभग 26.3 हजार फॉलोअर्स हैं। जबकि ट्विटर प्रोफाइल में उनके 547.7 हजार फॉलोअर्स हैं। वहीं, इसी महीने हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ पोस्ट करने का आरोप लगने के बाद जुबैर ने कथित तौर पर अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट कर दिया था। मोहम्मद जुबैर डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म आल्ट न्यूज के फाउंडर भी हैं।
इस आरोप में पुलिस ने किया था गिरफ्तार
मोहम्मद जुबैर, भाजपा और मीडिया चैनलों के खिलाफ लगातार कमेंट कर लिखते रहते हैं। उन्होंने कई मीडिया चैनलों की खबरों की तीखी आलोचना भी की थी। पिछले दिनों ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर एक निजी समाचार चैनल की एक बहस की आलोचना करते हुए उन्होंने ट्वीट किया था कि हमें एक समुदाय और धर्म के खिलाफ बोलने के लिए धर्म संसद के आयोजकों यति नरसिंहानंद सरस्वती, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप जैसे नफरत फैलाने वाले लोगों की जरूरत नहीं है।