Indian Railway News: ट्रेनों में रात के समय मोबाइल फोन और लैपटाप नहीं कर सकेंगे चार्ज
भारतीय रेलवे की ओर से ट्रेनों के प्रत्येक कोच में स्माग डिटेक्टर लगाए जाने की प्रक्रिया जारी है। नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों के सात सौ से अधिक कोच में यह उपकरण लगाया जा चुका है।
By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 15 Mar 2022 09:01 AM (IST)
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। ट्रेनों में आग लगने की घटना रोकना रेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है, क्यों कि इस तरह के हादसों से न केवल मान की क्षति होती है, बल्कि इससे लोगों की जान भी चली जाती है। पिछले दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नजदीक दौराला में सहारनपुर से दिल्ली आ रही ट्रेन में आग लग गई थी। उससे पहले भी शताब्दी सहित कई महत्वपूर्ण ट्रेनों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। भारतीय रेलवे द्वारा इस तरह के आग के हादसों को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ट्रेनों के प्रत्येक कोच में स्माग डिटेक्टर लगाए जा रहे हैं। दिल्ली मंडल ने अपने यहां से चलने वाली ट्रेनों के सात सौ से अधिक कोच में यह उपकरण लगा चुका है।
आग की घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगा स्माग डिटेक्टर अधिकारियों का कहना है कि समय रहते आग लगने की घटनाओं का पता लगाकर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। स्माग डिटेक्टर इसी उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं। पहले चरण में वातानुकूलित कोच, पैंट्री कार और पावर कार में लगाए जा रहे हैं। इसके बाद गैर वातानुकूलित कोच में भी यह काम किया जाएगा। नए आने वाले कोच में पहले से यह उपकरण लगा रहता है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के कदमों से आग की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
रात में मोबाइल चार्जिंग पर रोक आग लगने की घटनाओं की जांच के बाद रात में चार्जिंग प्वाइंट पर बिजली सप्लाई रोकने की बात कही गई थी। यह माना गया कि यात्री रात में लैपटाप और मोबाइल चार्जिंग पर लगाकर सो जाते हैं। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है। इस कारण कुछ वर्ष पहले से ट्रेनों में यह पाबंदी लगाई गई। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक प्रत्येक कोच में चार्जिंग प्वाइंट की बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाती है।
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