कैब में बंधक बनाकर इंजीनियर से ले लिया एटीएम, फिर एक लाख रुपये निकाल कर सड़क पर फेंका
साइबर सिटी में बदमाशों ने बंधक बनाकर कार्ड से लगभग एक लाख रुपये निकालने के बाद गाजियाबाद के गांव पसौठा में सुनसान जगह पर उतार दिया। पुलिस बदमाशों को खोज रही है।
गुरुग्राम, जेएनएन। साइबर सिटी में लुटेरे कैब चालकों का आतंक कम होने का नाम नहीं। उद्योग विहार स्थित एक आइटी कंपनी में इंजीनियर के साथ वारदात हुई। बदमाशों ने बंधक बनाकर छह हजार रुपये एवं मोबाइल छीनने के बाद दो बैंकों के एटीएम कार्ड छीन लिए। इसके बाद में दोनों कार्ड से लगभग एक लाख रुपये निकालने के बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के गांव पसौठा में सुनसान जगह पर उतार दिया।
डीएलएफ फेज दो थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मूल रूप से उत्तरप्रदेश के गोंडा जिले के गांव तुलसीपुर निवासी चंद्रेश्वर प्रताप नारायण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वह पालम विहार दिल्ली में रहते हैं। मंगलवार सुबह वह डयूटी जाने के लिए दिल्ली से शंकर चौक के नजदीक पहुंचे थे। शंकर चौक से कंपनी तक जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रहे थे। उसी दौरान एक कैब पहुंची। उसमें चालक सहित तीन युवक बैठे थे।
चंद्रेश्वर प्रताप नारायण जैसे ही कैब में बैठे वैसे ही पीछे की सीट पर बैठे दोनों युवकों ने उन्हें दबोच लिया। हथियार नुमा किसी चीज को दिखाकर पहले छह हजार रुपये दोनों ने जेब से निकाल लिए। इसके बाद कैब में नीचे दबा दिया और मोबाइल एवं एटीएम कार्ड छीन लिए। काफी देर इधर-उधर घुमाने के बाद बदमाशों ने एटीएम से पैसे निकाले।
इसके बाद गाजियाबाद इलाके में सुनसान जगह पर उतार दिया। वहां से दिल्ली में दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन पहुंचकर परिजनों को जानकारी दी। जांच अधिकारी एसआइ सुभाषचंद ने बताया कि आरोपितों की पहचान की जा रही है। पहचान होते ही सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।
पिछले सप्ताह भी हुई थी वारदात
पिछले सप्ताह भी मंगलवार को उद्योग विहार इलाके में वारदात हुई थी। एक निजी कंपनी में काम करने वाले मूल रूप से मध्यप्रदेश के सतना निवासी पंकज कुमार अनाज मंडी के नजदीक रहते हैं। मंगलवार शाम डयूटी से निकलने के बाद शंकर चौक पर वाहन का इंतजार कर रहे थे। उसी दौरान एक कैब पहुंची। उसमें चार युवक पहले से बैठे हुए थे। पंकज उसमें बैठ गए। बाद में उनके ऊपर युवकों ने हमला कर पर्स व मोबाइल छीन लिया। इसके बाद एटीएम कार्ड छीनकर पिन कोड पूछ लिया। फिर 6500 रुपये निकाल लिए। बता दें कि इस साल अब तक इस तरह की आठ वारदात हो चुकी हैं।