Delhi Rain: मानसून में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की गई जान, आरोप-प्रत्यारोप में उलझीं एजेंसियां
देश की राजधानी दिल्ली में जब गर्मी सितम ढाहती है तो यहां के रहने वाले लोग मानसून का इंतजार करते हैं कि बारिश होगी तो राहत मिलेगी। लेकिन हर साल दिल्ली में मानसून जानलेवा बन जाती है। अगर इस वर्ष की बात करें तो अभी तक 20 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोई समाधान होने के बजाय। सब एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। (Delhi Monsoon Update) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसून का इंतजार लोग गर्मी से राहत के लिए इंतजार करते हैं। वहीं मानसून दिल्ली में जानलेवा बन जाता है। जब-जब दिल्ली में तेज वर्षा होती है तो लोगों की कभी करंट लगने से तो कभी जलभराव में डूबने से मौत होने की सूचना आने लग जाती है। इतना ही नहीं आरोप प्रत्यारोप पर पूरा मुद्दा राजनीति में फंसकर रह जाता है। पहले नेता और अब एजेंसियां भी इसी ट्रेक पर आ गई है।
खोड़ा के पास डीडीए और एमसीडी एक बच्चे और महिला की मौत पर एक दूसरे को ही जिम्मेदार बता रहे हैं। नतीजतन राजधानी में वर्षा होती है तो समस्या और विकराट हो जाती है। बुधवार को हुई तेज वर्षा में लोग परेशान तो हुए ही वहीं रात ढाई-तीन बजे वर्षा बंद होने के बाद भी बृहस्पतिवार को लोग जलभराव के कारण परेशान हुए। झिलमिल से लेकर किशनगंज, पांडव नगर, जीटी करनाल रोड मुकरबा चौक जैसे इलाकों के साथ ही आईटीओ के विकास मार्ग पर पानी जमा रहा।
जिससे लोगों को परेशानी हुई। वहीं, वर्षा और नागरिकों व एजेंसियों की लापरवाही के कारण करंट लगने से तीन लोगों की मृत्यु भी दर्ज की गई है। इसमें बिंदापुर में 12 वर्षीय बच्चे की मौत हुई है। तो संगम विहार में जलभराव में करंट आने की वजह से 18 वर्षीय युवक और मीठापुर में पानी की टंकी में अलार्म में करंट की चपेट में आने से 28 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई।
बुधवार को नौकरीपेशा लोग अंडरपास और प्रमुख मार्गों पर जलभराव (Delhi Water logging) के कारण यातायात जाम में फंसे थे तो बृहस्पतिवार को दफ्तर या अन्य कामों पर निकलने के लिए पहले यह पता करते हुए नजर आए कि रास्तों पर कहीं जलभराव तो नहीं है। एहतियात बरतते हुए लोग अपने गतंव्य के लिए निकले। फिर भी कई स्थानों पर जलभराव होने की वजह से परेशान हुए।
विशेषज्ञों के अनुसार वर्षा होने पर पानी एकत्रित हो लेकिन वह दो घंटे के भीतर निकल जाए माना जाता है कि जल निकासी की व्यवस्था काफी हद तक ठीक है, लेकिन कई स्थानों पर सुबह 10-11 बजे तक जलजमाव रहा। इसकी वजह से लोगों ने यातायात जाम का भी सामना किया। यह हालत तब है कि जबकि जलभराव के कारण लोगों की जान तक जा रही है। समाधान निकालने की बजाय एजेंसिया आरोप प्रत्यारोप में जुटी है। इसकी वजह से समाधान की बात अब भगवान भरोसे हो गई है।
जलभराव से विकास मार्ग यातायात बंद करने आ जाती है नौबत
राजधानी दिल्ली में आइटीओ पर विकास मार्ग के दोनों तरफ के रास्ते जलभराव की वजह से बंद करने की नौबत अब आने लगी है। जबकि यह मार्ग पूर्वी दिल्ली और मध्य दिल्ली को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों में से एक हैं। बावजूद इसके यहां पर हो रहे जलभराव के समाधान के लिए प्रशासन गंभीर नहीं है।पिछले वर्ष बाढ़ की वजह से नाले का पानी इस सड़क पर आ गया था। जिसकी वजह से इस मार्ग को दिनभर के लिए भी बंद करना पड़ा था इतना ही नहीं कई दिनों तक यह जलभराव का पानी जमा रहा था। अब यहां पर वर्षा के कारण जलभराव दो-ढाई फिट तक पानी जमा होने लगा है। जिसकी वजह से वाहनों के खराब होने तक की समस्या है। बुधवार की वर्षा के बाद बृहस्पतिवार की सुबह भी यहां पानी जमा था।
जबकि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस जलभराव के लिए जहां एमसीडी के ड्रेन नंबर 12 की सफाई न होने की वजह से समस्या बता रहे हैं, जबकि एमसीडी का कहना है कि रोड पीडब्ल्यूडी की है तो जल निकासी की जिम्मेदारी उन्हीं की है। जलभराव की बड़ी वजह रिंग रोड पर डब्ल्यूएचओ इमारत के पास जलभराव होता था जलभराव को रोकने के लिए दो वर्ष पहले वहां पर सड़क का स्तर ऊंचा कर दिया गया। इसकी वजह से वह पानी भी आइटीओ की तरफ आ जाता है। जिससे समस्या विकट हो जाती है।
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