इतने प्रबंधों के बावजूद राजधानी में महिलाएं नहीं हैं सुरक्षित, जानिए पुलिस ने अबतक क्या-क्या उठाए हैं कदम
दिल्ली में महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। निर्भया कांड के बाद महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना लेकिन आज 10 साल बाद भी स्थिति लगभग जस की तस बनी हुई है। देश की राजधानी को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए हेल्पलाइन और एंटी स्टॉकिंग सर्विस समेत कई कदम उठाए गए लेकिन जमीं पर कुछ खास बदलाव नजर नहीं आया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महिला सुरक्षा निर्भया कांड के समय से ही एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। निर्भया कांड के बाद कई कानूनों में बदलाव किए गए थे। NCRB के डेटा के मुताबिक, दिल्ली में महिलाएं अभी भी सुरक्षित नहीं हैं।
हाल ही में दिल्ली में एक दस साल की बच्ची से दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम दिया गया है। ऐसी घटनाओं पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार और दिल्ली पुलिस एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, उन पर नजर दौड़ाते हैं।
हेल्पलाइन 1091 की शुरुआत
सितंबर 2002 में महिला हेल्पलाइन 1091 की शुरुआत हुई थी, जिससे संकट के समय महिलाओं तक तुरंत पहुंचा जा सकता है। यह 24 घंटे की हेल्पलाइन है। बता दें कि इस हेल्पलाइन पर आने वाले सभी कॉल्स को विशेष महिला पुलिस मोबाइल टीम को लगाया गया है। यह विशेष टीम 24 घंटे काम करती है।
एंटी-स्टॉकिंग सर्विस
सोशल मीडिया के जरिए महिलाओं को स्टॉकिंग से बचाने के लिए दिल्ली पुलिस में एक स्पेशल ग्रुप काम करता है। दिल्ली पुलिस की सीपीसीआर में 24 घंटे काम करने वाला यह विशेष एंटी-स्टॉकिंग ग्रुप मामले में तत्काल कार्रवाई करता है।
हिम्मत प्लस ऐप (Himmat Plus App)
छह फरवरी 2018 दिल्ली में महिलाओं के लिए हिम्मत प्लस ऐप लॉन्च किया गया था। इस ऐप के जरिए दिल्ली में महिलाएं इमरजेंसी के समय तुरंत दिल्ली पुलिस से बातचीत कर उनसे मदद मांग सकती है। बता दें कि यह ऐप द्विभाषी है।
तत्पर (Tatpar)
सितंबर 2019 में दिल्ली पुलिस के द्वारा महिला सुरक्षा के लिए एक ऐप के जरिए डिजिटल पहल शुरू की गई। दिल्ली पुलिस की सभी वेबसाइटों और मोबाइल एप्लिकेशन को इस ऐप में शामिल किया गया। इस ऐप में 50 से अधिक सेवाओं को एक टच के जरिए प्रयोग किया जा सकता है।
महिला पीसीआर वैन (Women PCR Van)
दिल्ली पुलिस महिलाओं के लिए स्पेशल महिला पीसीआर वैन की व्यवस्था शुरू की गई है। इस योजना के तहत चालकों से लेकर पीसीआर स्टाफ तक सभी सिर्फ महिलाएं होती हैं। सूचना मिलने पर महिला पीसीआर तुरंत महिलाओं की साहयता करने पहुंचती हैं।
सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग (Self Defence Training)
वर्ष 2002 में विशेष पुलिस युनिट द्वारा दिल्ली में महिलाओं और बच्चों के लिए आत्म-रक्षा प्रशिक्षण की शुरुआत की गई थी। इस प्रशिक्षण के तहत महिलाओं को मार्शल आर्ट की तकनीकों के प्रदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से सशक्त बनाया जाता है।
शिष्टाचार (Shishtachar)
शिष्टाचार योजना के तहत मनचलों और बदमाशों पर नजर रखने के लिए दिल्ली पुलिस की महिला अधिकारी सादे कपड़ों में बाजार, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा हॉल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर तैनात रहती हैं। किसी भी शख्स के द्वारा अनुचित व्यवहार या छेड़छाड़ होने पर लोगों को तत्काल कार्रवाई के लिए थाने ले जाया जाता है।
पिंक बूथ (Pink Booth)
दिल्ली में महिलाओं की शिकायतों को सुनने के लिए पूरे दिल्ली में अबतक 139 पिंक बूथ बनाए गए हैं। इन बूथ पर दिल्ली पुलिस की महिलाकर्मियों को ही तैनात किया जाता है।