Delhi New CM: ...तो क्या इनके हाथ होगी दिल्ली की कमान! अरविंद केजरीवाल को जेल से सरकार चलाने की अनुमति मिलना मुश्किल
भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता केजरीवाल अरविंद के साथ अनौपचारिक रूप से सरकार के कामकाज देखती रही हैं वहीं करीब दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार का हिस्सा होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ पर भी फौरी तौर पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता में अपना नेतृत्व देखते हैं।
By Edited By: Updated: Fri, 22 Mar 2024 06:00 AM (IST)
सौरभ श्रीवास्तव, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद सरकार और पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। केजरीवाल कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत रखने वाली मंत्री आतिशी ने यह जरूर कहा है कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे, लेकिन कहने में यह जितना आसान लगता है, वास्तव में उतना आसान नहीं होगा। यह व्यावहारिक भी नहीं नजर आता। सरकार को एक मुखिया की जरूरत होगी, वहीं पार्टी को भी एक ऐसा चेहरा चाहिए होगा, जो चुनाव के समय राष्ट्रीय संयोजक की अचानक पैदा हुई कमी को कुछ हद तक ही सही, दूर कर सके।
बृहस्पतिवार शाम सीएम हाउस में ईडी के पहुंचते ही पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं में केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका घर कर गई थी। साथ ही चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया था कि केजरीवाल के बाद कौन। पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के लिए पहला नाम स्वयं केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का हो सकता है, जबकि दूसरे नाम की बात पर कई स्तरों पर आतिशी का नाम उभरता है।यह भी पढ़ें: दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन! अगर केजरीवाल ने नहीं दिया इस्तीफा तो फिर...
किसके हाथ होगी दिल्ली की सरकार?
सूत्र बताते हैं कि भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रहीं सुनीता केजरीवाल अरविंद के साथ अनौपचारिक रूप से सरकार के कामकाज देखती रही हैं, वहीं करीब दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार का हिस्सा होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ पर भी फौरी तौर पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता में अपना नेतृत्व देखते हैं।
जब राबड़ी ने संभाली थी कुर्सी
पूर्व में बिहार में ऐसा उदाहरण भी रहा है, जब मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सीएम बना दिया था। इसी तरह, हाल ही में झारखंड में मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी गिरफ्तारी होने पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन भाभी सीता सोरेन द्वारा विरोध करने पर परिवार के विश्वस्त चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया था।हालांकि, कल्पना सोरेन अब पार्टी के प्रमुख चेहरे के रूप में उभर रही हैं और ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि यदि वह विधानसभा उपचुनाव जीतती हैं तो वह झारखंड की मुख्यमंत्री बनाई जा सकती हैं।आतिशी को सीएम बनाए जाने को लेकर भी पार्टी के भीतर चर्चा जोरों पर है। शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और वित्त जैसे अहम विभागों के साथ ही दिल्ली सरकार के सर्वाधिक 14 विभाग आतिशी के पास हैं। उन्हें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह सरकार चलाने में केजरीवाल का बढ़-चढ़कर सहयोग करते देखा गया है। प्रमुख विभाग संभालने के कारण उनका अनुभव भी अधिक है, ऐसे में पार्टी सूत्र यह भी मानते हैं कि सुनीता के इन्कार करने पर आतिशी को मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है।
यह भी पढ़ें: देश के सभी भाजपा कार्यालयों पर आज प्रदर्शन करेगी AAP, गोपाल राय ने कार्यकर्ताओं से की ये खास अपील
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।