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डूसू चुनाव में प्रचार के लिए सोशल मीडिया का हो रहा इस्तेमाल, कम हुआ पोस्टर का प्रयोग

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इस बार सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है। एबीवीपी की ओर से हर कॉलेज में जाकर डोर टू डोर कैंपेन चलाया जा रहा है।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 02:05 PM (IST)
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डूसू चुनाव में प्रचार के लिए सोशल मीडिया का हो रहा इस्तेमाल, कम हुआ पोस्टर का प्रयोग
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में इस बार सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। विद्यार्थियों के बीच चुनाव प्रचार के लिए विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से फेसबुक, ट्विटर और वाट्सएप का प्रयोग किया जा रहा है। एनएसयूआइ की ओर से चुनाव जीतने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 2017 के डूसू चुनाव में एनएसयूआइ ने अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पद पर जीत हासिल की थी। इस साल भी वह अपना वर्चस्व कायम रखना चाहती है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

एनएसयूआइ ने बनाई रणनीति 

एनएसयूआइ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की तरफ से हर कॉलेज में अलग-अलग वाट्सएप ग्रुप तैयार किए गए हैं। ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को अपने पक्ष में करने के लिए हम अपने घोषणापत्र की बातों को उन तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही पिछले सालों की उपलब्धियों को भी उनसे साझा किया जा रहा है।

डोर टू डोर कैंपेन का सहारा 

वहीं एबीवीपी की ओर से हर कॉलेज में जाकर डोर टू डोर कैंपेन चलाया जा रहा है। एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री भरत खटाना ने कहा कि हमारी तरफ से सोशल मीडिया साइट पर छात्र हितों के लिए गए फैसलों से उन्हें अवगत कराया जा रहा है। हम अपनी उपलब्धियां उनसे साझा कर रहे हैं। हर दिन 50 से ज्यादा संगठन के सदस्य इसी काम को अंजाम दे रहे हैं।

कागज के इस्तेमाल में कमी

छात्र संगठनों का मानना है कि बीते दो साल में उच्च न्यायालय और एनजीटी की सख्ती के कारण कागज के इस्तेमाल में कमी आई है। डीयू में पोस्टर का प्रयोग भी कम हुआ है। बिना अनुमति के पोस्टर लगाने पर पुलिस एफआइआर तक दर्ज कर सकती है।

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