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शोफिया से बन गई माही सिंह, बच्चे की चाह में मुस्लिम पति छोड़ा; पूरी कहानी जानकर अफसरों के उड़े होश

अस्पताल से 45 दिन के बच्चे को चोरी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला की पहचान माही सिंह के रूप में हुई है। वह पहले मुस्लिम थी लेकिन चार साल पहले उसने हिंदू धर्म अपना लिया था। माही ने तीन शादियां की हैं और उसकी कोई संतान नहीं है। पुलिस को शक है कि वह बच्चों के अपहरण करने वाले गिरोह से जुड़ी हो सकती है।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Mon, 18 Nov 2024 02:26 PM (IST)
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पति फहीद से तलाक लेकर शोफिया से माही सिंह बन गई थी। फाइल फोटो
शनि पाथौली, दक्षिणी दिल्ली। तीसरी शादी के बाद भी संतान न होने पर सफदरजंग अस्पताल से 45 दिन के बच्चे को चोरी करने वाली आरोपिता ने चार साल पहले मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया था। वह 2021 में अपने पति फहीद से तलाक लेकर शोफिया से माही सिंह बन गई थी।

पुलिस माही की करतूत को बच्चों का अपहरण करने वाले सिंडिकेट से भी जोड़कर जांच कर रही है। पुलिस की जांच में सामने आया कि माही ने पहली शादी 2017 में फहीद से की थी। उस समय माही का नाम शोफिया था। वह मुस्लिम थी।

उसने पुलिस को बताया कि फहीद उसे बार-बार तलाक देता था। फिर हलाला कराने के बाद शादी करता था। इससे तंग आकर शोफिया ने उससे तलाक लेकर वर्ष 2021 में हिंदू धर्म अपना लिया। उसने अपना नाम माही सिंह रख लिया।

दिल्ली आकर बलवंत से की दूसरी शादी 

माही सिंह काम की तलाश में दिल्ली आ गई। यहां वह एक स्पा में रिसेप्शनिस्ट का काम करने लगी। तभी उसकी मुलाकात बलवंत नाम के व्यक्ति से हुई। कुछ दिन बाद दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। उससे पिछले साल शादी टूटने के बाद वह दिल्ली आ गई। कुछ दिन तक साकिब नाम के युवक के संपर्क में भी रही। पुलिस उससे शादी की बात की पुष्टि नहीं कर रही है।

बच्चा चोरी करने के बाद सास-ससुर को बोली- बेटा हुआ 

माही ने तीसरी शादी रोहित से जनवरी में की थी। रोहित से उसकी मुलाकात नोएडा के एक माल में हुई थी। रोहित यहां एक स्पा में मैनेजर है। उसने सास-ससुर को बताया था कि वह गर्भवती है। कुछ दिन पहले बच्चा चोरी करने के लिए दिल्ली आ गई। सास को बताया कि वह उपचार के लिए दिल्ली जा रही है।

जब आरोपिता ने बच्चा चोरी कर लिया तो अपने सास-ससुर को फोन करके बताया कि उसने बेटे को जन्म दिया है। पुलिस इस बिंदु पर भी अपनी जांच आगे बढ़ा रही है कि माही के तार बच्चों के अपहरण करने वाले गिरोह से जुड़े हैं या नहीं। पुलिस उसकी संतान न पैदा होने वाली कहानी पर शक कर रही है।

छह घंटे ट्रेन में चला ऑपरेशन, रेलवे स्टाफ ने की मदद

पुलिस ने चलती ट्रेन में संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर छह घंटे में बच्चे को बरामद किया। सफदरजंग एन्क्लेव थाने को वार रूम बनाया गया। यहां पर एसीपी रणबीर सिंह व सफदरजंग एन्क्लेव थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रजनीश कुमार को पता चला कि ट्रेन बरेली रेलवे स्टेशन पहुंचने वाली है।

पुलिस ने आरोपितों को ट्रैक करने के लिए तुरंत जीआरपी और आरपीएफ की सहायता ली। रेलवे के अधिकारियों ने ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई), एस्कार्ट टीमों और सद्भावना एक्सप्रेस के गार्ड के साथ बातचीत की। ट्रेन बरेली स्टेशन से निकल गई।

इसके बाद ट्रेन की तलाशी के लिए शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से जीआरपी, आरपीएफ और पुलिस से संपर्क किया गया। आरोपितों ने पुलिस से बचने के लिए अपने कपड़े बदल लिए थे। ऐसे में उनकी पहचान करना भी मुश्किल था।

हालांकि, पुलिस ने विभिन्न टीमों की मदद से आरोपिता माही सिंह उर्फ सोफिया व उसके पति रोहित कुमार को शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद किया। बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।

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उधर, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आकांक्षा यादव ने बताया कि आरोपित महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित गांव रेहरवा ढोढेपुर निवासी माही सिंह उर्फ सोफिया और उसके पति उप्र के बांदा स्थित संजय नगर निवासी रोहित कुमार के रूप में हुई है।

अस्पताल में चल रहा किडनी का उपचार

उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित गांव चांद निवासी एक महिला के पति का सफदरजंग अस्पताल में किडनी का उपचार चल रहा है। वह अपने 45 दिन के बच्चे के साथ अस्पताल में थी। महिला ने 15 नवंबर को पुलिस को सूचना दी कि एक महिला उनके बच्चे का अपहरण कर फरार हो गई है।

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