साफ्टवेयर इंजीनियर युवक-युवती ने एक एप का इस्तेमाल कर व्यवसायी को हनीट्रैप में फंसाया, मांगे एक करोड़, पढ़िए पूरी कहानी
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के एक व्यापारी को हनीट्रैप में फंसा एक करोड़ रुपये मांगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में युवक-युवती साफ्टवेयर इंजीनियर व एमबीए पास एक युवक शामिल हैं।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 11 Jul 2021 03:06 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के एक व्यापारी को हनीट्रैप में फंसा एक करोड़ रुपये मांगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में युवक-युवती साफ्टवेयर इंजीनियर व एमबीए पास एक युवक शामिल हैं। व्यापारी को हनीट्रैप में फंसाने के लिए युवती ने टिंडर एप का इस्तेमाल किया था। पहले एप चैटिंग से व्यापारी को अपने जाल में फंसा उनके साथ अंतरंग संबंध बनाते हुए युवती ने स्पाई कैमरा से वीडियो बनाया फिर उन्हें ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर दिया था।
एक करोड़ रुपये न देने पर गिरोह के सदस्यों ने उनकी नग्न मार्फ्ड तस्वीरें फेसबुक व इंस्टाग्राम पर वायरल करने की धमकी देना शुरू कर दिया था। जान से मारने की धमकी देने पर तंग आकर पीड़ित ने क्राइम ब्रांच में शिकायत कर दी थी।संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच आलोक कुमार के मुताबिक गिरफ्तार किए आरोपितों के नाम राज किशोर सिंह व आर्यन दीक्षित है। गुरुग्राम की रहने वाली युवती के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। इनके पास से दो महिला हैंडबैग में लगे दो स्पाई कैमरे, सात मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड व लैपटॉप बरामद किया गया है।
गत दिनों एक व्यापारी ने क्राइम ब्रांच में शिकायत कर बताया था कि कुछ दिनों से अज्ञात व्यक्ति कॉल कर उनसे एक करोड़ रुपये की मांग कर रहा है। कालर किसी युवती के साथ उनकी नग्न मार्फ्ड तस्वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की धमकी दे रहा है। उक्त शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस की एक टीम ने विस्तृत जांच पड़ताल के बाद शनिवार को डीएलएफ फेज तीन, गुरुग्राम, हरियाणा से पहले राजकिशोर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ के बाद गुरुग्राम सेक्टर 67 से एक युवती और बी-269, छतरपुर एन्क्लेव- दो, दिल्ली से आर्यन दीक्षित को गिरफ्तार कर लिया गया। युवती के फ्लैट की तलाशी के दौरान स्पाई कैमरा, मेमोरी कार्ड, यूएसबी पेन ड्राइव, पीड़ितों के वीडियो, तस्वीरों वाला लैपटॉप, मोबाइल फोन बरामद किया गया।
मास्टरमाइंड राज किशोर सिंह मूलरूप से कैमूर जिला, भभुआ, बिहार का रहने वाला है और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। 2012 में वह दिल्ली आया था। उसे 2013 में कनाट प्लेस थाना पुलिस ने छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार था। ऐशोआराम की जिंदगी जीने और अपने खर्चों को पूरा करने के लिए वह बुरी संगत में पड़ गया। उसने गुरुग्राम में एसपीए (बॉडी मसाज) सेंटर खोला और उसमें कालगर्ल सेवाओं के लिए लड़कियों की भर्ती की। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए उसने उन लड़कियों का इस्तेमाल अमीर लोगों को हनीट्रैप करने के लिए किया।
आर्यन दीक्षित मूलरूप से किदवई नगर, कानपुर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। उसने नोएडा के एक कालेज से एमबीए किया है। वर्तमान में उसका कपड़ों का ऑनलाइन व्यवसाय है। पैसा कमाने के लिए उसने प्रेमिका के माध्यम से राजकिशोर से मिला था। उसकी प्रेमिका गुरुग्राम की रहने वाली है और पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। लॉकडाउन के दौरान युवती जब बेरोजगार हो गई नौकरी की तलाश के दौरान उसकी मुलाकात राजकिशोर से हुई थी। वह उक्त युवती को हनीट्रैप के लिए इस्तेमाल करने लगा था।
मसाज सेंटर चलाने के साथ अमीर लोगों से वसूली के मकसद से राजकिशोर ने टिंडर एप पर एकाउंट बनाया था। उस एप के जरिए आरोपित लोगों को अपने जाल में फंसा वसूली करने लगे। चैट कर फंसाने के बाद युवती उन्हें किसी होटल या अन्य जगहों पर बुलाकर उनसे अंतरंग संबंध बनाती थी। स्पाई हैंडबैग कैमरे को वह सावधानी से ऐसी जगह पर रखती थी जहां से वीडियो बन जाता था। कुछ दिनों बाद पीड़ित को फोन वीडियो को वायरल करने व उनकी प्रतिष्ठा खराब करने का डर दिखा मोटी रकम की मांग की जाती थी।
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