जलभराव में लोगों के लिए सहारा बनी बैल बुग्गी, 20 रुपये में तय होगी दूरी, 'टेंशन' खत्म
जलजमाव होने के कारण आवाजाही के लिए लोग बैल बुग्गी और तांगे का सहारा ले रहे हैं। बैल बुग्गी वाले लोगों से प्रति चक्कर 20 रुपये का किराया ले रहे हैं।
By Amit MishraEdited By: Updated: Sun, 29 Jul 2018 10:09 PM (IST)
नई दिल्ली [मनोज कुमार दीक्षित]। दिल्ली में जलभराव की स्थिति कितनी भयावह है। इसकी बानगी पुल प्रह्लादपुर में देखने को मिल रही है। इस रेलवे फ्लाईओवर के नीचे जलजमाव होने के कारण आवाजाही के लिए लोग बैल बुग्गी और तांगे का सहारा ले रहे हैं। बैल बुग्गी वाले लोगों से प्रति चक्कर 20 रुपये का किराया ले रहे हैं।
मुश्किलों का सामना करना पड़ता है
स्थानीय निवासी अमरपाल ने बताया कि निकासी का इंतजाम न होने के चलते थोड़ी सी बारिश होने पर ही यहां पानी भर जाता है, लेकिन स्थानीय एजेंसियां इस ओर आंखें मूंदें रहती हैं। इस कारण यहां रहने वालों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं आया
वहीं, इस इलाके में रहने वाली सीमा तो बेहद गुस्से में हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को आम लोगों की परेशानी दिखाई ही नहीं देती है। दो दिन की बारिश से ही यहां दरिया बन गया है। लोग आवागमन के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार का कोई भी नुमाइंदा यहां पर नहीं आया, जिससे उन्हें भी यहां के निवासियों की परेशानी महसूस हो सके। उनका कहना है कि यहां के लोगों का दर्द दो दिन की बारिश के जलभराव के बाद फूट-फूटकर निकल रहा है, लेकिन उसे सुनने वाला कोई नहीं है। बच्चे हो या बड़े सभी जलभराव से परेशान हैं।
स्थानीय निवासी अमरपाल ने बताया कि निकासी का इंतजाम न होने के चलते थोड़ी सी बारिश होने पर ही यहां पानी भर जाता है, लेकिन स्थानीय एजेंसियां इस ओर आंखें मूंदें रहती हैं। इस कारण यहां रहने वालों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं आया
वहीं, इस इलाके में रहने वाली सीमा तो बेहद गुस्से में हैं। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार को आम लोगों की परेशानी दिखाई ही नहीं देती है। दो दिन की बारिश से ही यहां दरिया बन गया है। लोग आवागमन के लिए जूझ रहे हैं, लेकिन दिल्ली सरकार का कोई भी नुमाइंदा यहां पर नहीं आया, जिससे उन्हें भी यहां के निवासियों की परेशानी महसूस हो सके। उनका कहना है कि यहां के लोगों का दर्द दो दिन की बारिश के जलभराव के बाद फूट-फूटकर निकल रहा है, लेकिन उसे सुनने वाला कोई नहीं है। बच्चे हो या बड़े सभी जलभराव से परेशान हैं।
व्यापार पर पड़ रहा असर
पुल प्रह्लादपुर में किराने की दुकान चलाने वाले श्याम बिहारी का कहना है कि जलभराव के चलते उनकी दुकान का सामान भी नहीं आ पा रहा है। यह पूछने पर सामान तो आप टेंपो से ला सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि कोई भी टेंपो वाला सामान लेकर इधर आने को राजी नहीं है।
पुल प्रह्लादपुर में किराने की दुकान चलाने वाले श्याम बिहारी का कहना है कि जलभराव के चलते उनकी दुकान का सामान भी नहीं आ पा रहा है। यह पूछने पर सामान तो आप टेंपो से ला सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि कोई भी टेंपो वाला सामान लेकर इधर आने को राजी नहीं है।
पानी निकालने का कोई इंतजाम नहीं
वहीं पास में रहने वाले राकेश ने आरोप लगाया कि सरकार राजधानी में तमाम फ्लाईओवर बना रही है, लेकिन पानी निकालने का कोई इंतजाम नहीं कर रही है। जब दो दिन की बारिश में रेलवे फ्लाईओवर के नीचे का यह हाल है तो आगे और ज्यादा बारिश हो गई तो यहां कैसे हालात होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
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