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Sonam Wangchuk Detain: सोनम वांगचुक समेत 20 समर्थक हिरासत में, लद्दाख भवन के बाहर कर रहे थे प्रदर्शन

Delhi Police जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके 20 समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वे लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है लेकिन उनके आवेदन पर विचार किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 13 Oct 2024 06:34 PM (IST)
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समर्थकों को हिरासत में लेती दिल्ली पुलिस।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने रविवार को जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) और 20 अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। वह लद्दाख भवन (Laddakh Bhawan) के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया।

दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तर्क दिया कि वे प्रदर्शन नहीं कर रहे थे, बल्कि शांतिपूर्वक बैठे थे।

लद्दाख भवन के बाहर पुलिस और वांगचुक के समर्थक

जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमित देने पर विचार

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को लद्दाख भवन के बाहर बैठने की कोई अनुमति नहीं है। उन्होंने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए आवेदन किया है। उनके आवेदन पर विचार किया जा रहा है।

उन्हें किसी अन्य स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है, जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।

30 सितंबर को पहुंचे दिल्ली

सोनम वांगचुक ने अपने समर्थकों के सात लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह से दिल्ली तक मार्च किया। वह 30 सितंबर को दिल्ली पहुंचे, जहां उन्हें पुलिस ने राजधानी के सिंघू बॉर्डर पर हिरासत में लिया था। उन्हें 2 अक्टूबर की रात रिहा कर दिया था।

सोनम वांगचुक अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत शीर्ष नेताओं से मुलाकात की मांग कर रहे हैं।

संविधान की छठी सूची में क्या?

संविधान की छठी अनुसूची में पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के प्रावधान शामिल हैं। यह स्वायत्त परिषदों की स्थापना करता है जिनके पास इन क्षेत्रों पर स्वतंत्र रूप से शासन करने के लिए विधायी, न्यायिक, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां होती हैं।

क्या हैं मांगें

  • लेह से दिल्ली तक मार्च का आयोजन लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) द्वारा किया गया, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहा है।
  • लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग की मांग।
  • लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीट बनाने की मांग।
  • साथ ही जल्द भर्ती प्रक्रिया और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है।

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