अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे सोनम वांगचुक, जगह तय नहीं; सरकार की तरफ से नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के अन्य प्रदर्शनकारी शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे। उन्हें राष्ट्रपति प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृहमंत्री से मिलने की मांग पर सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। वांगचुक दिल्ली चलो पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे। लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने समेत अन्य मांगों को लेकर वांगचुक दिल्ली चलो पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा कि वह और लद्दाख के अन्य प्रदर्शनकारी शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे, क्योंकि उन्हें राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने की उनकी मांग पर सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। हालांकि, उनके अनिश्चितकालीन उपवास स्थल तय नहीं हुआ है।
उन्होंने जंतर-मंतर पर बैठने की मांग की है, लेकिन दिल्ली पुलिस से खबर लिखे जाने तक मंजूरी नहीं मिली है। चाणक्यपुरी स्थित लद्दाख हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सोनम वांगचुक ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के कार्यालय को पत्र लिखकर समय मांगा था और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें शुक्रवार शाम पांच बजे तक बैठक के बारे में सूचित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, इसलिए हम कल से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे।
वांगचुक दिल्ली चलो पदयात्रा का कर रहे थे नेतृत्व
लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने समेत अन्य मांगों को लेकर वांगचुक एक माह पहले लेह से शुरू हुई 'दिल्ली चलो पदयात्रा' का नेतृत्व कर रहे थे। सोमवार रात सिंघु बार्डर से वांगचुक और लद्दाख के 150 लोगों को हिरासत में लिया गया। उन्हें बुधवार को राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर ले जाया गया और उसके बाद रिहा कर दिया गया।