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Kanvar Yatra 2024: दिल्ली में इस बार कांवड़ यात्रा में साउंड सिस्टम लगाना होगा महंगा, जानिए क्या है वजह

Delhi Kanwar Yatra 2024 दिल्ली में इस बार कांवड़ यात्रा में साउंड बजाना महंगा सौदा हो सकता है। सावन का महीना आने वाला है और इस दौरान शिव भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं। वह गंगाजल लेने जाते हैं। कांवड़ यात्रा में शिव भक्त काफी धूमधाम से जाते हैं। इस दौरान साउंड सिस्टम के साथ भजनों की धुन पर नाचते-गाते हैं।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 16 Jul 2024 10:50 PM (IST)
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कांवड़ यात्रा से पहले साउंड सिस्टम हुए महंगे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इस बार कांवड़ यात्रा में साउंड सिस्टम का इस्तेमाल महंगा सौदा हो रहा है, क्योंकि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार साउंड सिस्टम वालों ने किराए में 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। ऐसे में बड़ी कांवड़ में झांकियों समेत साउंड सिस्टम का औसत किराया डेढ़ से दो लाख रुपये तक का बैठ रहा है।

दिल्ली से प्रत्येक वर्ष करीब 5,000 कांवड़ झांकियां निकलती हैं, जिसमें छोटी से लेकर बड़ी झांकियां होती हैं, जो तीन दिन से लेकर 15 दिन तक के लिए होती हैं। इस वर्ष झांकियों में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का अनुमान है। ऑल इंडिया साउंड एंड लाइट एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र बब्बर के अनुसार, महंगाई के मद्देनजर साउंड सिस्टम के किराए में बढ़ोत्तरी की गई है।

चार दिन से 15 दिनों की होती है यात्रा

सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है। शिवभक्त भोले बाबा को मनाने के लिए गंगा जल लाकर शिवलिंग पर आस्थापूर्वक चढ़ाते हैं। यह पूरी यात्रा काफी कठिन मानी जाती है, क्योंकि यह नंगे पैर होती है। इस यात्रा को लेकर शिवभक्तों की आस्था देखते ही बनती है।

इस वर्ष भी 15 दिन पहले से यात्रा को लेकर शिवभक्तों की तैयारियां प्रारंभ हो गई है। जो शिवभक्त उत्तराखंड के गोमुख से पवित्र जल को कांवड़ में लाने जा रहे हैं, वह उसके लिए रवाना भी हो चुके हैं।

कांवड़ की सादगी से लेकर झांकियों की भव्यता

कुछ कांवड़िये कांवड़ के साथ साउंड सिस्टम लेकर चलते हैं तो अधिकांश केवल कांवड़ लेकर समूह में निकलते हैं। जबकि, कई टोलियों में साउंड सिस्टम के साथ झांकियां भी होती है। कुछ कांवड़ की भव्यता देखते ही बनती है। जो देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ पहाड़ बनाकर अलग वाहन में झांकियां लेकर निकलती है। उनका किराया चार से पांच लाख रुपये तक बैठता है।

ध्वनि को लेकर जारी किया गया है परामर्श

सुप्रीम कोर्ट ने सड़क पर साउंड सिस्टम के लिए उच्चतम ध्वनि स्तर 75 डेसिबल तय की है। ऐसे में आल इंडिया साउंड एंड लाइट एसोसिएशन ने इसके लिए देशभर के साउंड सिस्टम संचालकों के लिए परामर्श पत्र जारी किया है जिसमें उसने कांवड़ के साथ चल रहे साउंड सिस्टम के लिए इस मानक के पालन का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड पुलिस प्रशासन से भी इस मामले में कार्रवाई की जगह जागरूक करने का आग्रह किया गया है।

नहीं होता ध्वनि स्तर मानक का पालन

एक साउंड सिस्टम संचालक ने बताया कि निर्धारित मानक 75 डेसिबल का पालन कठिन होता है, क्योंकि सड़क के शोर के साथ कई साउंड सिस्टम साथ चल रहे होते हैं। भक्तिभाव में उत्साह व जोश इतना होता है कि भक्तों को अंदाजा नहीं होता है कि साउंड की आवाज कितनी पहुंच गई है।

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यात्रा को लेकर प्रशासनिक तैयारी तेज

कांवड़ यात्रा को सुचारू व विघ्न रहित करने के लिए प्रशासनिक तैयारी भी तेज हो गई है। उत्तर पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुबोध गोस्वामी ने बताया कांवड़ यात्रा को लेकर कांवड़ समितियों के साथ बैठक चल रही है। समितियों से कहा गया है वह अपने वालंटियर रखे और उन्हें कार्ड और एक ड्रेस दें। ताकि पता रहे कि वह वालंटियर है।

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कैंप में जिस जगह प्रसाद बनेगा वहां पर सीसीटीवी कैमरे जरूर लगवाएं। आग बुझाने के यंत्र शिविर में होने चाहिए। जो वालंटियर हो वह डाक कांवड़ को ठीक जगह खड़ा करवाए और बाकी वाहनों को पार्किंग में लगवाए। सुप्रीम कोर्ट ने डाक कांवड़ की आवाज निर्धारित की हुई है, उसका पालन सुनिश्चित किया जाए।

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