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दिल्ली से सटी यूपी की इस सीट पर गठबंधन के बाद भी आधार वोट नहीं बचा पायी सपा-बसपा

2019 में भाजपा की लहर के आगे बसपा-सपा गठबंधन के बावजूद 2014 के मिले अपने संयुक्त वोट को भी सहेज कर रखने में पूरी तरह से नाकाम रहीं।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sat, 25 May 2019 01:58 PM (IST)
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दिल्ली से सटी यूपी की इस सीट पर गठबंधन के बाद भी आधार वोट नहीं बचा पायी सपा-बसपा
नोएडा [अरविंद मिश्र]। देश भर में प्रधानमंत्री मोदी की लहर के साथ गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर भी भाजपा का कमल खिला। भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा ने तमाम अटकलों को निराधार साबित करते हुए गौतमबुद्ध नगर सीट पर करीब तीन लाख सैंतीस हजार वोट से विजय हासिल की। गौतमबुद्ध नगर लोकसभा के तहत आने वाली पांचों विधानसभा में भाजपा ने गठबंधन को पटखनी दी। लेकिन नोएडा विधानसभा ने भाजपा की जीत के लिए जो इबारत रखी, उसे गठबंधन ध्वस्त करने में नाकाम रहा। कांग्रेस किसी भी विधानसभा में अपनी लाज तक नहीं बचा पाई।

2019 में भाजपा की लहर के आगे बसपा-सपा गठबंधन के बावजूद 2014 के मिले अपने संयुक्त वोट को भी सहेज कर रखने में पूरी तरह से नाकाम रहीं। 2014 में दोनों पार्टी को मिले वोट के लिहाज से गठबंधन ने नोएडा, खुर्जा विधानसभा को छोड़कर दादरी, जेवर व सिकंद्राबाद में भाजपा को मात दी थी। लेकिन इस बार एक होकर भी दोनों पार्टी अपने वोट संयुक्त प्रत्याशी के खाते में ट्रांसफर नहीं करा पाईं।

गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट पर 2019 में शहर से लेकर देहात तक भाजपा का डंका बजा। इसके आगे गठबंधन के सभी जातिगत समीकरण फेल हो गए। 2019 में लोकसभा सीट पर करीब ढाई लाख मतदाता बढ़े थे। इसमें सबसे अधिक मतदाता नोएडा व दादरी सीट पर बढ़े थे। जो भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ है। इनका पूरा फायदा भाजपा की झोली में गया।

नोएडा विधानसभा ने भाजपा प्रत्याशी को करीब दो लाख वोट की बढ़त दिलाई, जिसकी भरपाई करना गठबंधन के लिए पूरी तरह से नामुमकिन साबित हुआ। जेवर, दादरी व सिकंद्राबाद विधानसभा ने भी गठबंधन के मंसूबों पर पानी फेर दिया। बिरादरी और जातिगत समीकरण को धता बताते हुए इन विधानसभा के मतदाताओं ने भी भाजपा का साथ दिया। हालांकि जेवर विधानसभा में दोनों प्रत्याशियों में वोट का अंतर सबसे कम रहा।

जेवर विधानसभा में भाजपा 7259 मतों के अंतर से गठबंधन पर भारी पड़ी। ठाकुर प्रत्याशी देने के बावजूद कांग्रेस को पांचों विधानसभा में जेवर विधानसभा पर सबसे कम 3106 वोट ही मिले। 2014 की मोदी लहर में सपा बसपा ने अलग अलग चुनाव लड़ा था।

इस चुनाव के आंकड़ों के लिहाज से देखा जाए तो नोएडा व खुर्जा को छोड़कर सपा-बसपा दोनों के वोट के हिसाब गठबंधन दादरी, जेवर, सिकंद्राबाद में भाजपा पर भारी पड़ा था। लेकिन उस चुनाव में भी नोएडा ने भाजपा को अजय बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। करीब सवा लाख से भाजपा नोएडा में सपा-बसपा के संयुक्त वोट के अंतर से आगे थी। 

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