रेल नेटवर्क को मजबूत करने पर विशेष ध्यान, नई पटरी पर सरपट दौड़ेगी रेलगाड़ी
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया है कि दिल्ली में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 4742 करोड़ की लागत से छह प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इससे 332 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछेगी।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। ट्रेनों की लेटलतीफी और हादसे की एक बड़ी वजह रेल पटरियों पर क्षमता से अधिक बोझ होना है। रेल नेटवर्क को मजबूत कर इस चुनौती से निपटा जा सकता है। इसलिए उत्तर रेलवे में बुनियादी ढांचा मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नई पटरी बिछाने के साथ ही रेल लाइन के दोहरीकरण पर 2971.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, देश की राजधानी में रेलवे स्टेशनों की दशा सुधारने का काम भी तेजी से किया जाएगा।
फंड की कोई कमी नहीं है
वर्ष 2018-19 के आम बजट में दिल्ली को 268 करोड़ रुपये मिले हैं। हालांकि, पिछले बजट से 176 करोड़ रुपये कम है, लेकिन रेल अधिकारी यह दावा कर रहे हैं कि विकास कार्यों के लिए फंड की कोई कमी नहीं है। कांग्रेस के कार्यकाल में वर्ष 2009 से 2014 के बीच दिल्ली में रेल के विकास के लिए औसतन 96 करोड़ रुपये मिलते थे।
रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए काम जारी
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार बनने के बाद वर्ष 2016-17 के बजट में यह राशि बढ़ाकर 208 करोड़ रुपये कर दी गई। वहीं, 2017-18 के बजट में तो इसमें दोगुना से भी ज्यादा बढ़ोतरी कर दिल्ली को 444 करोड़ रुपये दिए गए थे, हालांकि इस बार इसमें कमी कर दी गई है, लेकिन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया है कि दिल्ली में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 4742 करोड़ की लागत से छह प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इससे 332 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछेगी।
फुट ओवरब्रिज व प्लेटफार्म पर खर्च होगे 200 करोड़
यात्रियों को प्लेटफार्म पर पहुंचने मे दिक्कत नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। दिल्ली के कई स्टेशनों पर फुट ओवरब्रिज बनाने और प्लेटफार्म की ऊंचाई बढ़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बराड़ स्क्वायर, आनंद विहार तथा गाजियाबाद में फ्लाईओवर बनाने के लिए सर्वे कराने की घोषणा की गई है। वहीं, नरेला, गनौर व गढ़ी हरसरू में रोड ओवरब्रिज बनाया जाना है।
स्टेशनों के विकास पर खर्च होगे 100 करोड़
दिल्ली के रेलवे स्टेशनों को विकसित करने के लिए इस बार के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही स्टेशनों पर लिफ्ट व एस्क्लेटर लगाने के लिए भी 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 26 हजार से ज्यादा यात्री जिन स्टेशनों पर पहुंचते हैं उन सभी पर लिफ्ट व एस्क्लेटर की सुविधा दी जानी चाहिए।
उत्तर रेलवे में विभिन्न काम के लिए आवंटित राशि
-नई लाइन बिछाने के लिए 1607.5 करोड़ रुपये
-रेलवे लाइन दोहरीकरण के लिए 158 करोड़ रुपये
-यार्ड आधुनिकीकरण के लिए 158 करोड़ रुपये
-विद्युतीकरण के लिए 482.69 करोड़ रुपये