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जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों का धरना चौथे दिन भी जारी, व्हील चेयर पर पहलवानों का समर्थन करने पहुंचे सत्यपाल मलिक

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों कर धरना चौथे दिन बुधवार को भी जारी रहा। खिलाड़ियों ने दिन की शुरुआत सड़कों पर दौड़ लगाने से की।

By Edited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 27 Apr 2023 12:02 AM (IST)
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खिलाड़ियों ने दिन की शुरुआत सड़कों पर दौड़ लगाने से की।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर खिलाड़ियों कर धरना चौथे दिन बुधवार को भी जारी रहा। खिलाड़ियों ने दिन की शुरुआत सड़कों पर दौड़ लगाने से की।

बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धरनास्थल पर पहुंचकर खिलाड़ियों का समर्थन किया। मलिक ने कहा कि बहुत बुरी स्थिति है कि देश का सम्मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को न्याय के लिए सड़क पर बैठना पड़ रहा है।

धरने पर बैठे खिलाड़ियों ने बुधवार सुबह प्रदर्शन स्थल पर अभ्यास और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया। इस दौरान खिलाड़ियों ने दौड़ लगाई और वर्कआउट किया। साथ ही अस्थाई अखाड़ा मानकर ट्रेनिंग की। पहलवानों ने करीब एक घंटे तक पसीना बहाया। दोपहर सत्यपाल मलिक व्हील चेयर पर धरना स्थल पहुंचे।

यहां पर उन्होंने खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए।

धरने पर बैठे खिलाड़ी बहुत मेहनत करके देश के लिए मेडल लाते हैं, इसके बावजूद उनकी न तो सरकार सुन रही है और न ही पुलिस। हरियाणा से इनेलो के नेता करण सिंह चौटाला भी जंतर मंतर पहुंचे। उन्होंने धरने का समर्थन करते हुए कहा कि वह हर तरह से खिलाड़ियों के साथ हैं।

इनके समर्थन के लिए जल्द ही अन्य लोगों को भी भेजेंगे। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव और राजस्थान की सह प्रभारी अमृता धवन ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर खिलाड़ियों का समर्थन किया।

हम शांतिपूर्ण तरीके से कर रहे विरोध- पूनिया

ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। यहां पर ट्रेनिंग भी कर रहे हैं। देश की जनता ने हमें देश के लिए पदक जीतने की जिम्मेदारी दी है और हमें इसे निभाना है।

पुलिस ने अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं की है तो पुलिस हमें विरोध करने या प्रशिक्षण देने से कैसे रोक सकती है। खाप पंचायतों के पदाधिकारियों भी धरना स्थल पर पहुंचे।

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