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22 विधायकों को बचाने के लिए जन लोकपाल बिल लागू करने से बच रही केजरीवाल सरकार: आदेश गुप्ता

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि जन लोकपाल बिल लागू करने के नाम पर सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अब इसे लागू करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि आप के 22 विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

By Pradeep ChauhanEdited By: Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:30 AM (IST)
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आरटीआइ के तहत उपराज्यपाल कार्यालय से जानकारी मांगी गई थी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर जन लोकपाल बिल को लेकर सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि जन लोकपाल बिल लागू करने के नाम पर सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार अब इसे लागू करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि 'आप' के 22 विधायकों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

इन्हें बचाने के लिए सरकार जन लोकपाल बिल लागू नहीं कर रही है। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि एक मई, 2019 को दिल्ली सरकार ने आरटीआइ के जवाब में बताया था कि चार दिसंबर, 2015 को जन लोकपाल बिल विधानसभा में पारित कर उपराज्यपाल को भेजा गया था। भाजपा ने पिछले वर्ष 29 दिसंबर को प्रेसवार्ता कर यह मामला उठाया था, तब भी सत्ता पक्ष ने नेताओं ने कहा था कि फाइल उपराज्यपाल के पास है। इसके बाद आरटीआइ के तहत उपराज्यपाल कार्यालय से जानकारी मांगी गई थी।

वहां से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2019 को जन लोकपाल बिल का प्रस्ताव आया था जिसे 27 सितंबर को वापस सरकार को भेज दिया गया था। इससे स्पष्ट है कि सरकार ने आरटीआइ में गलत जानकारी दी थी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आरटीआइ में गलत जानकारी देना गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि इस मामले को भाजपा जनता के बीच लेकर जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह से सरकार भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए आरटीआइ में गलत जानकारी दे रही है। बाक्सएसीबी वापस दे दें, हम दिखाएंगे कैसे दूर होता है भ्रष्टाचार।

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वहीं, लोकपाल लागू नहीं करने के लगाए गए आरोप पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर पलटवार किया है। 'आप' ने करारा हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा भ्रष्टाचार पर राजनीति कर रही है। 'आप' ने कहा है कि भाजपा बताए कि उन्होंने दिल्ली सरकार से एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक शाखा) क्यों छीन ली? '

आप' सरकार ने 49 दिन में ही भ्रष्टाचार को खत्म कर दिया था, लेकिन जब अगली बार सरकार बनी तो उन्होंने एसीबी को छीन लिया। उन्होंने न केवल इसे छीन लिया, बल्कि भ्रष्टाचार पर कुछ नहीं किया। भाजपा आजाद भारत की सबसे भ्रष्ट पार्टी है। उन्हें भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। हम उन्हें एसीबी वापस करने की चुनौती देते हैं, फिर हम दिखाएंगे कि भ्रष्टाचार को कैसे दूर किया जाए। वे केवल लोकपाल का मुद्दा उठाकर राजनीति कर रहे हैं, जबकि उपराज्यपाल ने ही इसे खारिज कर दिया।

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