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कनाडा से आ रही 108 साल पहले चोरी वाराणसी की मां अन्नपूर्णा की मूर्ति, पीएम मोदी ने मन की बात में की थी चर्चा

मां अन्नपूर्णा की मूर्ति भारत सरकार में उस समय चर्चा में आ गई जब 157 मूर्तियों को अमेरिकी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट करने की बात कही। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के बारे में गत वर्ष 29 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी मन की बात में जिक्र कर चुके हैं।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 02:05 PM (IST)
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मां अन्नपूर्णा मूर्ति के बारे में पीएमओ ने एएसआइ से पूछा तो तेज हुई कार्रवाई

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। एक माह के अंदर वाराणसी को मां अन्नपूर्णा मिल जाएंगी। हिंदुओं की आस्था का प्रतीक मां अन्नपूर्णा की इस मूर्ति को करीब 108 साल पहले वाराणसी से चोरी कर लिया गया था। इस मूर्ति को अब उसी मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि गत दिनों पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) के एक अधिकारी ने मां अन्नपूर्णा मूर्ति के बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से पूछ लिया था, उसके बाद से इस मूर्ति को लाए जाने की कोशिश तेज हो गई है।

मन की बात में पीएम ने की थी चर्चा

दरअसल, मां अन्नपूर्णा की मूर्ति भारत सरकार में उस समय चर्चा में आ गई, जब 157 मूर्तियों को अमेरिकी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेंट करने की बात कही। मां अन्नपूर्णा की मूर्ति के बारे में गत वर्ष 29 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी मन की बात में जिक्र कर चुके हैं। उन्होंने इस मूर्ति को लाए जाने को गौरव की बात बताया था। उन्होंने कहा था कि मूर्ति कनाडा से वापस लाना काशी के लिए गर्व का पल होगा।

कोरोना के कारण लाने में हुई देरी

एएसआइ के एक अधिकारी ने कहा कि अन्नपूर्णा की मूर्ति कोरोना के चलते लाने में देरी हुई है। इसे लाने की तैयारी चल रही थी तब तक अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आ गई और सभी प्रयास रुक गए। अब मूर्ति को लाने के लिए कागजी कार्रवाई पूरी हो चुकी है। एक माह के अंदर मूर्ति वापस आ जाएगी।

1913 में चुराई गई थी मूर्ति

मूर्ति को वाराणसी के एक मंदिर से 1913 में चुराया गया था। उसके बाद मूर्ति किसी माध्यम से कनाडा पहुंच गई थी। बीते साल पांच से 25 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरुआत होने के दौरान भारतीय मूूल की एक आर्टिस्ट दिव्या मेहरा की नजर कनाडा में एक प्रदर्शनी के दौरान मूर्ति पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने यह मामला वहां स्थित भारतीय अधिकारियों के सामने उठाया था। इस पर मूर्ति को वहां के अंतरिम राष्ट्रपति और विश्वविद्यालय के उपकुलपति ने कनाडा में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को 19 नवंबर, 2020 को एक समारोह में सौंप दिया था। तभी से यह वहां भारत के पास है। इसे लाने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के अंत तक यह मूर्ति दिल्ली पहुंच जाएगी।