Delhi: तिपहिया ऑटो में GPS न होने पर होगी कड़ी कार्रवाई, सख्ती से लागू करने जा रहा है परिवहन विभाग
दिल्ली में चल रहे तिपहिया ऑटो में अगर जीपीएस नहीं होगा तो ऑटो की फिटनेस नहीं हो सकेगी। परिवहन विभाग इसे सख्ती से लागू करने जा रहा है। दिल्ली के 95 हजार ऑटो चालकों के मोबाइल पर संदेश कर इसे चालू करवाने के लिए कहा है अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इधर ऑटो चालकों ने इसे तुगलकी फरमान बताया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। तिपहिया ऑटो में जीपीएस अनिवार्य हो गया है। अगर जीपीएस नहीं होगा तो ऑटो की फिटनेस नहीं हो सकेगी। परिवहन विभाग इसे सख्ती से लागू करने जा रहा है। विभाग की ओर से दिल्ली के 95 हजार ऑटो चालकों के मोबाइल पर संदेश भेजे गए हैं कि ऑटो का जीपीएस चालू कराएं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसे लेकर ऑटो चालकों में रोष है। चालकों का कहना है कि यह तुगलकी फरमान है, देश के किसी भी राज्य में ऑटाे में जीपीएस अनिवार्य नहीं है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने भी ऑटो को जीपीएस से छूट दी हुई है, मगर दिल्ली सरकार इसे नहीं मान रही है।
हाईकोर्ट के आदेश पर GPS अनिवार्य
परिवहन विभाग का कहना है कि भले ही केंद्र ने जीपीएस को छूट दे रखी है मगर राज्यों को यह भी छूट दे रखी है कि अगर वे चाहें तो इसे लागू कर सकते हैं। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग का कहना है कि हाई कोर्ट के 2012 के आदेश के तहत ऑटो में जीपीएस अनिवार्य किया गया था। उसी समय से यह चल रहा है। मगर कोरोना महामारी के समय इसे बंद कर दिया गया था, मगर अब फिर से शुरू कर दिया गया है।
परिवहन विभाग ने कहा है कहा कि जीपीएस सवारियों के ही नहीं ऑटो वालों के भी हित में है। इसलिए इसे उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए।
बता दें कि 2013 में वसंत विहार में निर्भया सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद केंद्र सरकार ने सभी सार्वजिनक सवारी वाहनों में जीपीएएस अनिवार्य कर दिया था। इसमें सभी ग्रामीण सेवा, फटाफट सेवा, स्कूल कैब, इको फ्रेंडली सेवा, रेडियो टैक्सी, इकानामी रेडियो टैक्सी व ऑटो आदि शामिल हैं।
केंद्र ने खत्म कर दी थी GPS की अनिवार्यता
उस समय से ऐसे सभी सवारी वाहनों में जीपीएस लगाया जा रहा है। 2015 में परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर इसे वाहन की फिटनेस से जोड़ दिया था कि किसी भी वाहन की फिटनेस तभी होगी जब उसमें जीपीएस लगा होगा। मगर इसी बीच केंद्र सरकार ने 2016 में ऑटो से जीपीएस की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। मगर दिल्ली सरकार ने इसे नही माना था, दिल्ली सरकार ने इसके पीछे सुरक्षा का हवाला दिया था।
ऑटो परिवार के इंद्रजीत सचदेवा व आप का अपना ऑटो टैक्सी यूनियन के उपेंद्र सिंह औ संतोष पांडेय का कहना है कि परिवहन आयुक्त के सामने केंद्र सरकार के 2016 के ऑटो को छूट वाले आदेश को कई बार रखा गया है। उसी के तहत दिल्ली में भी इस मामले में छूट चल रही है।
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उन्होंने कहा कि अन्य सवारी वाहनों से अलग ऑटो खुली हुई बाडी के होते हैं। दूसरे 2013 से लेकर अब तक कई सौ ऑटो चोरी हुए हैं कुछ मामलों में चोर पकड़े भी गए हैं। मगर जीपीएस की मदद से ऑटो नहीं पकड़े जा सके हैं। इसलिए वे लोग केंद्र सरकार के आदेश के आधार पर ऑटो को इस मामले में छूट देने की मांग कर रहे हैं।
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