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दिल्ली के व्यापारियों की अब खैर नहीं, माप में कम मिला डीजल-पेट्रोल तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना; LG ने दी मंजूरी

दिल्ली में गैर-मानक बाट या उपकरणों से सामान तोलने वाले दुकानदारों पर अब सख्त कार्रवाई होगी। खुदरा विक्रेता द्वारा गैर-मानक बाट या माप के इस्तेमाल करने पर जुर्माना 2500 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाएगा। थोक व्यापारी के लिए यह जुर्माना राशि 10 हजार और पेट्रोलियम उद्योग/पेट्रोल पंप के लिए यह राशि 50 हजार रुपये होगी। एलजी सक्सेना ने इसकी मंजूरी दी है।

By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 25 Nov 2024 08:10 PM (IST)
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एलजी सक्सेना ने दिल्ली लीगल मेट्रोलाजी (प्रवर्तन) नियम, 2011 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दे दी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में गैर मानक वाले बाट या उपकरणों से सामान तोलने वाले दुकानदारों की खैर नही है। ऐसे उपकरणों से सामान या पंपो पर डीजल-पेट्रोल देने वाले मालिकों या पेट्रोल पंप मालिकों को जुर्माना देना होगा। राजनिवास के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया एलजी वीके सक्सेना ने खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं द्वारा आम उपभोक्ताओं से की जाने वाली धोखाधड़ी और जालसाजी पर सख्त कार्रवाई करते हुए दिल्ली लीगल मेट्रोलाजी (प्रवर्तन) नियम, 2011 में महत्वपूर्ण संशोधनों को मंजूरी दे दी है।

उद्योग /पेट्रोल पंप के लिए यह राशि 50 हजार रुपये

अधिकारियों ने बताया कि खुदरा विक्रेता द्वारा गैर-मानक बाट या माप के इस्तेमाल करने पर अब जुर्माना 2500 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये किया जाएगा। थोक व्यापारी के लिए यह जुर्माना राशि 10 हजार और पेट्रोलियम उद्योग /पेट्रोल पंप के लिए यह राशि 50 हजार रुपये होगी। गैर-मानक बाट या माप के निर्माण पर जुर्माना राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये की जाएगी। इसी तरह खुदरा व्यापारी द्वारा गैर मानक पैकेट बेचने पर जुर्माना 2500 रुपये से बढ़ाकर पांच हजार रुपये और निर्माता के लिए यह राशि 25 हजार रुपये की जाएगी।

नियमों में कंपाउंडिंग शुल्क निर्धारित करने की सलाह

यहां बता दें कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने 14 नवंबर 2023 के पत्र के माध्यम से राज्य सरकारों को कानून के तहत उनकी आवश्यकतानुसार प्रवर्तन नियमों में कंपाउंडिंग शुल्क निर्धारित करने की सलाह दी थी। साथ ही मंत्रालय ने एलएम एक्ट 2009 की धारा 25, 27, 28, 29, 31, 34 और 35 के तहत किए गए पहले अपराध के खिलाफ सभी राज्यों में कंपाउंड शुल्क में वृद्धि कर इसको एक समान करने के लिए मसौदा मॉडल नियमों को प्रसारित किया था।

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