Auto Taxi Strike: दिल्ली-NCR में कैसा रहा ऑटो-टैक्सी हड़ताल का असर? कई जगह हुई तोड़फोड़; कल के लिए हुआ बड़ा एलान
Auto Taxi Strike राजधानी में गुरुवार को ऑटो व टैक्सी चालकों की हड़ताल का मिलाजुला असर रहा। कहीं ऑटो को रोका गया तो कहीं पर तोड़फोड़ की छिटपुट घटना भी हुई। ऑटो संगठन का कहना है कि इसका असर शुक्रवार को ज्यादा देखने को मिलेगा। संगठन की ओर से 22 और 23 अगस्त को हड़ताल करने का एलान किया गया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में दो दिवसीय ऑटो, टैक्सी व कैब सेवा हड़ताल का मिलाजुला असर रहा। पहले दिन गुरुवार को सड़कों पर ये यात्री वाहन चल तो रहे थे, लेकिन उनकी संख्या कम रही, जिसके कारण कामकाजी लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
वहीं, कुछ स्थानों पर चलते ऑटो-टैक्सी को रोकने व तोड़फोड़ की छिटपुट घटना भी हुई। इस बीच, आंदोलनकारी संगठनों से जुड़े चालकों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया और खासकर ऐप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता कंपनियों पर लगाम लगाने की मांग की।
80 प्रतिशत ऑटो-टैक्सी व कैब सेवा रही प्रभावित
आंदोलन का आह्वान करने वाली ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने दावा किया कि आंदोलन में दिल्ली-एनसीआर के 15 से अधिक संबंधित संगठन जुड़े रहे, जिससे 80 प्रतिशत ऑटो, टैक्सी व कैब सेवा प्रभावित रही।वहीं, शुक्रवार को हड़ताल के अंतिम दिन यह असर अधिक होगा। जबकि कुछ यात्रियों ने एक्स पोस्ट में आंदोलनकारियों द्वारा उनके ऑटो को रोककर उन्हें बीच रास्ते उतारने व कुछ ने ऐप बेस्ड कैब सेवा न मिलने की शिकायत की।
हड़ताल का असर न्यूनतम रहा
कांस्टीट्यूशन क्लब के नजदीक मिले ऑटो चालकों राजबीर सिंह ने बताया कि आम दिनों की तुलना में करीब 40 प्रतिशत कम यात्री वाहन सड़कों पर उतरे हैं। इस बीच, हड़ताल से दूरी बनाने वाले दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ व दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने दावा किया कि हड़ताल का असर न्यूनतम रहा है।यह भी पढ़ें- Kolkata Murder Case: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, शुरू होंगी OPD सेवाएं!
रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के टैक्सी व ऑटो संगठन हड़ताल से दूर रहे हैं। यह हड़ताल बाइक टैक्सियों पर रोक और प्रतिबंधित सड़कों पर ई-रिक्शा का परिचालन रोकने के साथ ऐप बेस्ड कैब कंपनियों द्वारा चालकों के शोषण पर लगाम लगाने की मांग को लेकर है।
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