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Stubble Burning Case: दिल्ली में पराली जलाने के 11 मामले, 12 इलाके रेड जोन में पहुंचे; प्रदूषण बरकरार

दिल्ली में पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी से वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। पिछले एक महीने में पराली जलाने की 11 घटनाएं सामने आई हैं जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है। पराली के धुएं से वायु प्रदूषण में इजाफा हो रहा है और अगले तीन दिनों तक दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में रह सकती है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 20 Oct 2024 10:43 PM (IST)
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दिल्ली में पराली जलाने के 11 मामले, 12 इलाके रेड जोन में पहुंचे।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सियासी आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली में एक महीने के दौरान पराली जलाने की 11 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई, IARI) निगरानी तंत्र क्रीम्स के अनुसार इनमें से आठ घटनाएं उत्तरी व तीन उत्तर पश्चिमी दिल्ली के इलाकों में दर्ज हुई हैं। हैरत की बात यह भी कि 15 सितंबर से 19 अक्टूबर तक की अवधि का राजधानी में यह आंकड़ा पांच सालों के दौरान का सर्वाधिक है।

2020 में इस दौरान पराली जलाने की चार, 2022 में तीन एवं 2023 में सिर्फ दो घटनाएं दर्ज की गई थीं। 2021 में एक भी केस सामने नहीं आया था। चूंकि राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने को खासी जागरूकता है और बायो डीकंपोजर का छिडकाव भी यहां समय पर ही शुरू हो गया था। लिहाजा, पराली जलाने के यह आंकड़े चिंताजनक हैं।

प्रदूषण में पराली का धुआं बढ़ रहा

डिसीजन सपोर्ट सिस्टम, आईआईटीएम पुणे के अनुसार, रविवार को राजधानी के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा है 1.772 प्रतिशत था। लेकिन सोमवार को यह बढ़ कर 2.881 व मंगलवार को 6.86 प्रतिशत तक पहुंचने का पूर्वानुमान है।

हर दिन दो सौ से ज्यादा मामले

आमतौर पर देश के छह राज्यों में पराली जलाने के मामले सामने आते हैं। क्रीम्स के अनुसार पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से रोज पराली जलाने के 200 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। अभी तक 12 अक्टूबर को पराली जलाने के सबसे ज्यादा 398 मामले सामने आए थे।

एक महीने में 2700 के पार हुआ पराली का आंकड़ा

इस साल पराली जलाने का आंकड़ा 2700 के पार पहुंच गया है। क्रीम्स के मुताबिक 15 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक के बीच यानी लगभग एक महीने में पराली जलाने की 2,733 मामले दर्ज किए गए हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा 1393 मामले सामने आए हैं। जबकि, हरियाणा में 642 और उत्तर प्रदेश में 687 मामले दर्ज किए गए हैं।

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दिल्ली के 12 इलाके रेड जोन में, आज से स्थिति बिगड़ने के आसार

राजधानी राजधानी क्षेत्र में हाल फिलहाल प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। पूर्वानुमानों पर जाएं तो परेशानी घटने की बजाय आगे आगे बढ़ने वाली है। वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली की हवा ''बहुत खराब'' श्रेणी में पहुंच सकती है। हवा की रफ्तार धीमी होने के कारण प्रदूषण के स्तर में इजाफा हो सकता है।

इस बीच रविवार को दिल्ली की हवा ''खराब'' श्रेणी में ही दर्ज की गई। दिल्ली का औसत एक्यूआइ 277 रहा। एक दिन पूर्व यह 278 दर्ज किया गया था। दिल्ली के 12 इलाकों का एक्यूआइ 300 से ज्यादा यानी ''बहुत खराब'' श्रेणी में दर्ज किया गया। इसमें वजीरपुर, आनंद विहार, जहांगीरपुरी, मुंडका और रोहिणी जैसे इलाके शामिल हैं। आनंद विहार का एक्यूआइ सबसे ज्यादा 359 रहा।

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