Delhi Pollution: पराली से प्रदूषण में आई कमी, लेकिन चिंता कम नहीं हुई; आने वाले दिनों में हालात हो सकते हैं खराब
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस वर्ष पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या में कमी आई है। साथ ही उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति के कारण आने वाले दिनों में प्रदूषण बढ़ सकता है। राजधानी के प्रदूषण में पराली की वजह से होने वाले प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इस वर्ष पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या में कमी आई है। साथ ही उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थिति के कारण आने वाले दिनों में प्रदूषण बढ़ सकता है। राजधानी के प्रदूषण में पराली की वजह से होने वाले प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अब तक पराली जलाने की केवल लगभग 2,500 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान ऐसे 5,000 मामले दर्ज किए गए थे।
पिछले कुछ वर्षों में पराली जलाने की घटनाएं
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के अनुसार, पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं होती है। पंजाब में 2022 में खेतों में आग लगने की 49,922 घटनाएं दर्ज हुईं, जबकि पिछले वर्ष 71,304 और 2020 में 83,002 घटनाएं हुईं। इसके अलावा 2019 में पराली जलाने की 50,738 घटनाएं, 2018 में 59,684, 2017 में 67,079 और 2016 में 1,02,379 घटनाएं दर्ज की गईं।
हरियाणा में 2022 में खेतों में आग लगने की 3,661 घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2021 में 6,987 और 2020 में 4,202 थीं। पड़ोसी राज्य में 2019 में पराली जलाने की 6,364 घटनाएं, 2018 में 9,225, 2017 में 13,085 और 2016 में 15,686 घटनाएं देखी गईं।
कार से निकलने वाला धुआं भी बड़ा कारम
मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सर्दियों के दौरान दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से होने वाला उत्सर्जन एक प्रमुख कारक है। सरकार ने गुरुवार को वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 'रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया, जिसके एक साल बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए इसे रोक दिया था।