Delhi Pollution: दिल्ली में आज से बढ़ सकता है पराली का धुआं, डीएसएस सिस्टम ने शुरू किया काम
केंद्र सरकार के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम ने आंशिक तौर पर मंगलवार से काम शुरू कर दिया है। 18 अक्टूबर को पराली का प्रदूषण बढ़कर 16 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना दिखाई गई है। यह रात नौ बजे तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो सकता है। इसके बाद 19 अक्टूबर को भी पराली का प्रदूषण 43 से 56 प्रतिशत तक रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। तेज हवा और वर्षा के असर से फिलहाल भले राजधानी में प्रदूषण काफी कम हो गया है। लेकिन बुधवार से पराली प्रदूषण बढ़ने की संभावना है। केंद्र सरकार के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) ने आंशिक तौर पर मंगलवार से काम शुरू कर दिया है।
इसी सिस्टम में यह संभावना दिखाई गई है कि बुधवार से पराली का धुंआ राजधानी पहुंच सकता है। यह सिस्टम आमतौर पर सितंबर के पहले हफ्ते में काम शुरू कर देता है। लेकिन इस बार इसने अक्टूबर के मध्य में काम करना शुरू किया है।
सिस्टम के मुताबिक 18 अक्टूबर को पराली का प्रदूषण बढ़कर 16 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना दिखाई गई है। यह रात नौ बजे तक बढ़कर 50 प्रतिशत हो सकता है। इसके बाद 19 अक्टूबर को भी पराली का प्रदूषण 43 से 56 प्रतिशत तक रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
Also Read-
मार्च 2024 से एनसीआर में नहीं चलेंगी रोडवेज डीजल बसें
दो साल से फिर बढ़ रहा दिल्ली में वायु प्रदूषण
आप सरकार भले ही यह दावा करते नहीं थकती कि दिल्ली का वायु प्रदूषण साल दर साल घट रहा है, लेकिन एक आरटीआइ का जवाब बीते दो तीन साल से दोबारा वृद्धि का ट्रेंड बता रहा है।
इस जवाब के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को और बढ़ाने की जरूरत है। आरटीआइ कार्यकर्ता अमित गुप्ता द्वारा लगाई गई एक आरटीआइ के जवाब में पर्यावरण विभाग ने वर्ष 2017 से अगस्त 2023 तक के आंकड़े साझा किए हैं।
यह आंकड़े बताते हैं कि 2020 में पीएम 10 का सालाना औसत 188 जबकि पीएम 2.5 का 101 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। 2021 में यह बढ़कर क्रमश: 221 और 133 एवं वर्ष 2022 में 223 और 103 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया। इस साल भी अगस्त तक पीएम 10 का स्तर जहां 188 वहीं पीएम 2.5 का स्तर 81 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा है।
गाजियाबाद: ग्रेप लागू होने के बाद पहली बार मिली संतोषजनक हवा
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बाद जिले के लोगों को पहली बार संतोषजनक हवा मिली है। अभी भी लोग शुद्ध हवा से दूर हैं। मंगलवार को जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 61 रहा। इससे लोगों को काफी हद तक राहत रही। जिले का एक्यूआइ पिछले कई दिन से खराब और लोनी का बेहद खराब स्थिति में बना हुआ था।
लोनी में हवा अधिक खराब होने के कारण यहां के लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में लगातार आ रही थीं। मंगलवार को तेज हवा चलने के बाद एक्यूआइ में काफी गिरावट आई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्र का कहना है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए रोजाना कार्रवाई की जा रही है।
प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। हवा चलने पर धूल के कण उड़ जाते हैं। इससे वायु प्रदूषण कम हो जाता है। वसुंधरा, संजय नगर व इंदिरापुरम स्टेशन का एक्यूआइ भी संतोषजनक स्थिति में रहा।
प्रदूषण फैलाने पर तीन पर 50-50 हजार का जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर निरीक्षण किया। इस दौरान खुले में निर्माण सामग्री डालकर प्रदूषण फैलाने पर तीन पर 50-50 हजार का जुर्माना लगाया है। इसमें साहिबाबाद साइट-चार औद्योगिक क्षेत्र में शिवम कसाना ट्रेडिंग, प्लाट संख्या 275/4 और वैशाली सेक्टर चार स्थित आर नेट होटल एंड कन्वेंशन शामिल हैं। यह जुर्माना पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में वसूला जाएगा।