Delhi Coaching Incident: 'बहुत ताकतवर हैं कोचिंग सेंटर संचालक, नकेल कसना मुश्किल'; हादसे पर फूटा छात्रों का गुस्सा
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे में तीन IAS अभ्यर्थियों की मौत के बाद छात्रों का गुस्सा शांत होता नहीं दिख रहा है। ओल्ड राजेंद्र नगर हादसा सुरक्षा के नियमों को ताख पर रखकर चल रहे कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की मांग और सीलिंग के बाद अपने कैरियर-पढ़ाई को लेकर चिंतित विद्यार्थियों ने मुखर्जी नगर में सोमवार देर रात तक प्रदर्शन किया।
उदय जगताप, नई दिल्ली। ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। अब तक की जांच और कार्रवाई से वे संतुष्ट नहीं हैं। उनका प्रदर्शन घटना के तीसरे दिन भी जारी है।
छात्रों का कहना है कि घटना होने से कोचिंग सेंटरों की मनमानी सामने आई है। लेकिन, अभी तक किसी भी बड़े संचालक ने कोई बयान नहीं दिया है। अब वे इतने ताकतवर हो चुके हैं कि उन पर सीधे तौर पर नकेल कसना प्रशासन के बस में नहीं लगता।
दिल्ली के एक छात्र अभिमन्यु गर्ग ने कहा, 26 जून को एक छात्र ने एमसीडी में राव कोचिंग सेंटर की शिकायत की थी। बेसमेंट में बगैर एनओसी और अनुमति कक्षाएं संचालित होने की बात स्पष्ट तौर पर शिकायत में उल्लेखित की थी, लेकिन एमसीडी ने उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया, और इतना बड़ा हादसा हो गया।
सेलिब्रिटी बन चुके हैं कोचिंग सेंटर संचालक- प्रदर्शनकारी छात्र
इसकी वजह कोचिंग सेंटर संचालकों की अकूत दौलत और ताकत है। कई संचालक अब सेलिब्रिटी बन चुके हैं। करोड़ों रुपये की गाड़ियों में घूमते हैं। इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है।
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अभिमन्यु ने कहा, तेलंगाना में एक छोटे से कोचिंग सेंटर ने आईएएस अधिकारी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करा रखा है। सिविल कोर्ट में वह केस लड़ रही हैं। 2020 में वे आईएएस में चयनित हुई थीं। 2023 में उनकी 15वीं रैंक थी।
उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जनरल स्टडी के सिर्फ दो पेपर ही उन्होंने कोचिंग सेंटर से पढ़े हैं। अभिमन्यु ने कहा, तेलंगाना के कोचिंग सेंटर एक आईएएस के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं, तो दिल्ली के कोचिंग सेंटर संचालकों से छात्र सीधा मुकाबला कैसे कर सकते हैं। फीस को लेकर कोई नियम नहीं हैं और सिर्फ सी सेट की तैयारी के दो-दो लाख रुपये ले लिए जाते हैं।
एक साल की तैयारी में छात्र को चार लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन, उनकी सुरक्षा के इंतजाम तक नहीं होते। अधिकतर कोचिंग और पुस्तकालयों में न फायर एग्जिट हैं और न आपातकालीन मार्ग। पुणे के रहने वाले एक छात्र संकेत ने कहा, सरकारों को आपस में समन्वय बनाकर इन कोचिंग सेंटर संचालकों को कार्रवाई की जद में लाना चाहिए। संस्थानों की एजेंसियों द्वारा जांच करानी चाहिए।
मुखर्जी नगर में भी युवाओं ने किया जोरदार प्रदर्शन
विद्यार्थियों ने विभिन्न मार्गों से जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। पुलिस देर रात तक छात्रों को मनाने का प्रयास करती रही। सोमवार रात सात बजे नेहरू विहार के सेंट्रल पार्क में विद्यार्थियों ने राजेंद्र नगर में हादसे में जान गंवाने वाले अपने तीन साथियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद यहां से कैंडल मार्च शुरू हुआ। युवा वर्धमान माल से होते हुए सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट चौक पर पहुंचे। यहां कैंडल मार्च प्रदर्शन में बदल गया।