Move to Jagran APP

90 वर्षीय व्यक्ति के दुर्लभ हायटस हर्निया की हुई सर्जरी, सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों को मिली सफलता

मरीज न केवल सर्जरी से बच गया बल्कि तेजी से ठीक भी हो गया। उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी गई और सर्जरी के एक दिन बाद उन्होंने चलना शुरू कर दिया। डॉ. मित्तल ने बताया कि झिल्ली का छेद पांच सेंटीमीटर तक बड़ा हो जाता है तब सर्जरी की जरूरत होती है। अन्यथा इसे दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है।

By uday jagtap Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 24 Jun 2024 10:58 PM (IST)
Hero Image
90 वर्षीय व्यक्ति के दुर्लभ हायटस हर्निया की हुई सर्जरी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 90 वर्षीय व्यक्ति दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थे। उनके पेट का हिस्सा छाती की तरफ पहुंच गया था। इसके चलते वे ठीक से खा नहीं पा रहे थे और तेजी से उनका वजन घट रहा था। इसके बाद सर गंगाराम अस्पताल में उनकी सफल सर्जरी की गई। अब वे स्वस्थ हैं और तेजी से रिकवरी कर रहे हैं।

सर गंगाराम अस्पताल के लेप्रोस्कोपिक और लेजर सर्जरी विभाग के डा. तरुण मित्तल ने बताया कि एक प्रतिशत से कम मामलों ऐसा देखने का मिलता है। बुजुर्ग अवस्था में मासपेशियों की कमजोरी के चलते बीमारी से लोग पीड़ित हो जाते हैं। इसमें उल्टी होना, खट्टी डकारें और भूख न लगना व खाना न निगल पाना जैसे लक्षण आम हैं। उन्होंने पेट और छाती के बीच झिल्ली होती है जिससे होकर खाने की नली गुजरती है।

बुजुर्गों में हायट हर्निया की शिकायत अधिक

अधिक उम्र में इस नली का आकार बढ़ जाता है और पेट का हिस्सा छाती की ओर चला जाता है। इस हालत को ही हायट हर्निया कहा जाता है। झिल्ली को डायाफ्राम कहते हैं। उन्होंने कहा कि जब बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया था तो उनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थ और उनका वजन लगातार घट रहा था।

डॉ. मित्तल ने एंडोस्कोपी सहित एक विस्तृत जांच की, जिससे पता चला कि मरीज को एक बड़ा हायटस हर्निया था। इसके उपचार के लिए जटिल लप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. मित्तल समेत वरिष्ठ एनेस्थेटिस्ट डॉ. आशीष डे और सर्जन डॉ. अनमोल आहूजा, डॉ. तनुश्री और डॉ. कार्तिक शामिल थे।

दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है

मरीज न केवल सर्जरी से बच गया बल्कि तेजी से ठीक भी हो गया। उन्हें जल्द ही छुट्टी दे दी गई और सर्जरी के एक दिन बाद उन्होंने चलना शुरू कर दिया। डॉ. मित्तल ने बताया कि झिल्ली का छेद पांच सेंटीमीटर तक बड़ा हो जाता है तब सर्जरी की जरूरत होती है। अन्यथा इसे दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस ने खंगाले 800 CCTV कैमरों की फुटेज, फिर चार साल की अपहृत बच्ची को किया बरामद

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।