गोल्डन बाबा का गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर किया गया अंतिम संस्कार, एम्स में हुआ था निधन
सुधीर कुमार मक्कड़ उर्फ गोल्डन बाबा का एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया है। गांधीनगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है।
नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर सुधीर कुमार मक्कड़ (Sudhir Kumar Makkar alias Golden Baba) का मंगलवार रात एम्स में गंभीर बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन से उनके हजारों भक्त गहरे सदमे में हैं, गांधी नगर के लोग शोक में डूबे हुए हैं। बुधवार सुबह गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर बाबा का अंतिम संस्कार किया गया।
बाबा के एक करीबी शिष्य ने बताया कि वह बाबा कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे, 18 मई को हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया। करीब एक महीने से वह वैटिलेटर पर थे, 30 जून की रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस वजह से हुआ गीता कॉलोनी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार
बाबा ने गीता कॉलोनी श्मशान घाट का काफी सुंदरीकरण किया है, घाट के बाहर लगी भोले बाबा की मूर्ति की वह अकसर पूजा करते थे। गोल्डन बाबा जब कांवड लेकर वापस लौटते थे तो वह भोले बाबा की मूर्ति के पास बने शिवाल्य पर जल चढ़ाते थे। पिछले काफी समय से बाबा साहिबाबाद में अपने परिवार के साथ रह रहे थे, उनका लगाव गीता कॉलोनी श्मशान घाट से था। इसलिए उनका अंतिम संस्कार गीता कॉलोनी में किया गया। कोरोना की वजह से बहुत कम लोग ही इसमें शामिल हुए।
मिली जानकारी के अनुसार, वह पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर में रह रहे थे। गांधीनगर के अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम है। गोल्डन बाबा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और वह एम्स में भर्ती थे। गोल्डन बाबा यूपी के गाजियाबाद जिले के मूल निवासी थे।
गोल्डन बाबा को सोना पहने का शौक था
बताया जाता है कि बाबा बनने से पहले गोल्डन बाबा का दिल्ली में गारमेंट्स का कारोबार था। गोल्डन बाबा के बारे में कहा जाता है कि उन्हें सोना पहनने का बड़ा शौक था। वह सोने को अपना देवता मानते थे। वह अपने हाथों की सभी उंगलियों में सोने की अंगूठी पहनते थे। बाबा के शरीर पर कई किलो सोना रहता था।
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