World Hepatitis Day: शुगर स्ट्रिप्स की तरह रैपिड कार्ड से हेपेटाइटिस बी की हो सकेगी तुरंत जांच
देश में करीब तीन करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं लेकिन बहुत कम लोगों में बीमारी की पहचान हो पाती है। शुगर की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले स्ट्रिप्स जैसी रैपिड कार्ड से हेपेटाइटिस बी एंटीजन की तुरंत जांच हो सकेगी। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के रैपिड कार्ड टेस्ट हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग में ज्यादा मददगार हो सकते हैं।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। शुगर की जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले स्ट्रिप्स जैसी रैपिड कार्ड से हेपेटाइटिस बी एंटीजन की तुरंत जांच हो सकेगी। आईएलबीएस (यकृत व पित विज्ञान संस्थान) ने एक ऐसे ही एचबीएसएजी 2 रैपिड कार्ड टेस्ट का ट्रायल किया गया, जो हेपेटाइटिस बी की पहचान में 90 प्रतिशत असरदार पाई गई है।
इस ट्रायल में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के रैपिड कार्ड टेस्ट हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग में ज्यादा मददगार हो सकते हैं और हेपेटाइटिस बी से संक्रमित अधिक मरीजों की पहचान कर इलाज शुरू किया जा सकता है। इससे हेपेटाइटिस को दूर करने में मदद मिलेगी।
आईएलबीएस के डॉक्टरों का यह अध्ययन हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल (यूरोएशियन जर्नल हेपैटोगैस्ट्रोइंटेराल) में प्रकाशित हुआ है। 120 लोगों के सैंपल पर यह ट्रायल किया गया। जिसमें से 46 हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव व 74 हेपेटाइटिस बी निगेटिव लोगों के सैंपल थे।
इस ट्रायल में यह जांच बीमारी की पहचान करने में 90 प्रतिशत कारगर पाई गई। साथ ही इसके नतीजे 95.5 प्रतिशत सही पाए गए। इस ट्रायल में शामिल आईएलबीएस के क्लीनिकल वायरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. एकता गुप्ता ने बताया कि हेपेटाइटिस बी की जांच के लिए रैपिड टेस्ट की सुविधा पहले से मौजूद है, लेकिन अब तक इस्तेमाल होने वाली जांच किट 60 से 70 प्रतिशत ही असरदार हैं।
इस वजह से बहुत मरीजों में हेपेटाइटिस बी की पहचान नहीं हो पाती। इसके मद्देनजर एचबीएसएजी 2 रैपिड कार्ड टेस्ट का ट्रायल किया गया, जो बीमारी की पहचान करने में ज्यादा कारगर पाया गया। इससे हेपेटाइटिस बी की जांच आसान है। शुगर जांच के स्ट्रिप्स की तरह है। इसके माध्यम से ब्लड का सैंपल लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी आसानी से हेपेटाइटिस बी की जांच की जा सकती है। 15 से 30 मिनट में रिपोर्ट उपलब्ध हो जाती है।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी से चीन के बाद भारत में सबसे ज्यादा लोग पीड़ित। हेपेटाइटिस बी से 2.98 करोड़ व हेपेटाइटिस सी से करीब 55 लाख लोग पीड़ित हैं। लेकिन 10-15 प्रतिशत मरीजों में ही बीमारी की पहचान हो पाती है।
इस वजह से ज्यादातर लोगों को इलाज नहीं मिल पाता। स्क्रीनिंग के माध्यम से हेपेटाइटिस बी व सी से संक्रमित अधिक मरीजों की पहचान की जा सकती है।
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