Indian Railway: हजरत निजामुद्दीन से हुबली का सफर हुआ आसान, जल्द चलेगी सुपर फास्ट, देखें समय सारिणी
Indian Railway हजरत निजामुद्दीन से हुबली के बीच साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।20657/ 20658 नंबर की इस नई ट्रेन के चलने से कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र मध्य प्रदेश और आगरा जाने वाले यात्रियों को भी लाभ मिलेगा।
By Santosh Kumar SinghEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Wed, 12 Oct 2022 09:29 PM (IST)
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। Indian Railway News: हजरत निजामुद्दीन से हुबली के बीच साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।20657/ 20658 नंबर की इस नई ट्रेन के चलने से कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आगरा जाने वाले यात्रियों को भी लाभ मिलेगा। हुबली- हजरत निज़ामुद्दी साप्ताहिक सुपरफ़ास्ट (20657) 14 अक्टूबर से प्रत्येक शुक्रवार को हुबली से रात्रि 11.50 बजे प्रस्थान कर रविवार को पूर्वान्ह 10.40 बजे हजरत निज़ामुद्दीन पहुंचेगी। वापसी दिशा में हजरत निजामुद्दीन- हुबली साप्ताहिक एक्सप्रेस (20658) 16 अक्टूबर से प्रत्येक रविवार को हजरत निजामुद्दीन से सायं तड़के 03.55 बजे प्रस्थान कर मंगलवार को सुबह चार बजे हुबली पहुंचेगी।
वातानुकूलित, शयनयान तथा सामान्य श्रेणी के कोच वाली यह ट्रेन मार्ग में गदग, बदामी, बागलकोट, बसवन बागेवाडि, विजयपुर, सोलापुर, कुर्डुवादी, दौंड, अहमदनगर, कोपरगांव, मनमाड़, भुसावल, इटारसी, रानी कमलापति, वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी, ग्वालियर और आगरा छावनी स्टेशनों पर दोनों दिशाओं में ठहरेगी। वहीं, नई दिल्ली रेलवे में निजीकरण के विरोध और कर्मचारियों की समस्याएं हल करने की मांग को लेकर आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के आह्वान पर कर्मचारियों ने बुधवार को भूख हड़ताल की। कर्मचारियों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया। मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय के सामने दिए गए धरने में कर्मचारी नेताओं ने मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारियों ने रेलवे में निजीकरण को रोकने और पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने की मांग की। उन्होंने रिक्त पदों को भरने, कैडर पुनर्गठन का काम निर्धारित समय पर करने, तकनीकी कर्मचारियों को पदोन्नति देने सहित अन्य लंबित मांगों को शीघ्र मानने की मांग की।एआइआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार रेलवे कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। रेल मंत्री द्वारा निजीकरण नहीं करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन रेलवे संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने के साथ ही कई सेवाओं को निजी हाथों में दिया जा रहा है।
कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। केंद्र सरकार को भी जल्द इसे लेकर निर्णय लेना चाहिए। रिक्त पद नहीं भरे जाने से कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। एस के त्यागी, अनूप शर्मा मोहम्मद रफीक, संजीव सैनी सहित नार्दन रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) के अन्य पदाधिकारी धरने में मौजूद थे।
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