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मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए करना होगा और इंतजार, सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर 4 अक्टूबर तक टली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर चार अक्टूबर तक सुनवाई टल गई। शुरूआत में जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार या किसी अन्य दिन बोर्ड के अंत में सुनवाई कर सकते हैं। सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे।

By AgencyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Fri, 15 Sep 2023 04:24 PM (IST)
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मनीष सिसोदिया को जमानत के लिए करना होगा और इंतजार

नई दिल्ली, आईएएनएस। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर चार अक्टूबर तक सुनवाई टल गई। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शराब घोटाले के मामले में अंतरिम जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

शुरूआत में जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह शुक्रवार या किसी अन्य दिन बोर्ड के अंत में सुनवाई कर सकते हैं। सिसोदिया की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से अनुरोध किया कि तत्काल आवश्यकता है और यदि इस मामले को चार अक्टूबर को समायोजित किया जा सकता है।

पत्नी ने मिलने के लिए मांगी जमानत

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। बता दें कि मनीष सिसोदिया ने अपनी बीमार पत्नी सीमा सिसोदिया से मिलने के लिए मानवीय आधार पर सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मांग की है। साथ ही सिसोदिया ने अपनी पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।

सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से मांगा था जवाब

इससे पहले 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट अंतरिम जमानत पर कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया था और मामले को अंतरिम राहत और नियमित जमानत याचिका पर 4 सितंबर को सुनवाई के लिए फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल जुलाई के मध्य में एक नोटिस जारी करते हुए जांच एजेंसियों से मनीष सिसोदिया की उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें आप नेता ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत देने से इनकार करने के मामले को चुनौती दी थी।

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3 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट की एक बेंच ने मनीष सिसौदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने उस दौरान कहा कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं था।

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