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'एलजी ने पेड़ काटने को कहा, यह पहले बताना था'; उपराज्यपाल की भूमिका छिपाने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज

Delhi Tree Cut सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में डीडीए द्वारा काटे गए 1100 पेटों के मामले में सुनवाई कर रहा है। कोर्ट (Supreme Court) ने पेड़ों के काटने के मामले में एलजी की भूमिका होने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि उन्हें यह बात छिपानी नहीं चाहिए थी पहली सुनवाई में ही इस बारे में बताना चाहिए था।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 13 Jul 2024 10:16 PM (IST)
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सतबड़ी में डीडीए द्वारा काटे गए पेड़।
पीटीआई, नई दिल्ली। रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना की भूमिका को अधिकारियों की ओर से लगातार छिपाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली विकास प्राधिकरण से पूछा कि पेड़ों को काटने का फैसला उपराज्यपाल की मौखिक अनुमति के आधार पर लिया गया था या एजेंसी ने स्वतंत्र रूप से निर्णय लिया था?

जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि पेड़ों को काटने की अनुमति देने में उपराज्यपाल ने पूरी तरह से विवेक का प्रयोग नहीं किया। पीठ ने कहा कि उसे सुनवाई के पहले दिन ही सूचित कर दिया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने पेड़ों की कटाई का निर्देश दिया था।

पेड़ों के काटने पर चल रही सुनवाई

शीर्ष अदालत सड़क चौड़ा करने की परियोजना के लिए रिज क्षेत्र में 1,100 पेड़ों को काटने के मामले में डीडीए उपाध्यक्ष के खिलाफ अवमानना मामले की सुनवाई कर रही थी। अदालत ने दिल्ली पुलिस को आगाह किया कि वह पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर डीडीए के खिलाफ याचिका दायर करने वाली बिंदू कपूरिया को परेशान न करे।

पीठ ने कहा, हम सभी अधिकारियों के लिए स्पष्ट करना चाहते हैं कि कोई भी याचिकाकर्ता को परेशान करने का प्रयास नहीं करेगा।

दिल्ली सरकार बताए, कैसे होगी भरपाई

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने रेजी क्षेत्र में पेड़ों की कटाई से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि वह पेड़ों की अवैध कटाई की भरपाई किस तरह करेंगे। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार से यह भी कहा कि इसका भी पता लगाएं कि पिछले 5 वर्ष के दौरान पेड़ों की कटाई के लिए इस तरह की कितनी अवैध अनुमति दी गई हैं और उन अनुमतियों को रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।

अदालत ने पेड़ों को काटने का काम करने वाले ठेकेदार को भी नोटिस जारी किया और उससे यह बताने के लिए कहा है कि किसके निर्देश पर यह काम किया था।

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