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Delhi: मनीष सिसोदिया को होगी जेल या आएंगे बाहर? सुप्रीम कोर्ट जमानत पर 30 अक्टूबर को सुनाएगा फैसला

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट इसी महीने फैसला सुनाएगा। सिसोदिया दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) घोटाला (Delhi Excise Policy Scam) मामले में जेल में बंद हैं। फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 28 Oct 2023 08:59 PM (IST)
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मनीष सिसोदिया को होगी जेल या आएंगे बाहर? सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत पर फैसला सुनाने की तारीख आई सामने

एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट इसी महीने फैसला सुनाएगा। सिसोदिया दिल्ली की आबकारी नीति (2021-22) घोटाला (Delhi Excise Policy Scam) मामले में जेल में बंद हैं। फैसला जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ सुनाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था। कोर्ट आबकारी नीति घोटाला से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ी जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहा है।

हाईकोर्ट के बाद किया था सुप्रीम कोर्ट का रुख

मनीष सिसोदिया ने शराब नीति मामले में कथित अनियमितताओं से संबंधित सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका को खरिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी होने में लगने वाले समय के बारे में जानना चाहा। जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि मुकदमा 9 से बारह महीने के भीतर समाप्त हो सकता है। अदालत ने कहा कि इस मामले में 294 गवाह और हजारों दस्तावेज हैं।

सीबीआई और ईडी ने कब किया गिरफ्तार

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, ईडी ने उन्हें 9 मार्च को घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था।

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दिल्ली हाईकोर्ट ने नहीं दी जमानत

दिल्ली हाईकोर्ट ने 30 मई सीबीआई मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री और उत्पाद शुल्क मंत्री (Excise Minister) होने के साथ ही वो एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति हैं, जो गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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