शराब घोटाले में हैदराबाद के कारोबारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, मिली 5 हफ्ते की अंतरिम जमानत
दिल्ली के शराब घोटाले से जुड़े मामले में एक कारोबारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को पांच हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बोइनपल्ली की पत्नी के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें यह कहते हुए जमानत प्रदान कर दी कि वह 18 महीनों से हिरासत में हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पांच हफ्ते की अंतरिम जमानत प्रदान कर दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने बोइनपल्ली की पत्नी के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें यह कहते हुए जमानत प्रदान कर दी कि वह 18 महीनों से हिरासत में हैं।
पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश
पीठ ने बोइनपल्ली से कहा कि वह ईडी अधिकारियों को अपना फोन नंबर उपलब्ध कराएं, ताकि वे संपर्क में रह सकें। पीठ ने बोइनपल्ली को पासपोर्ट सरेंडर करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा कि वह अपने गृहनगर हैदराबाद जाने के अतिरिक्त एनसीआर नहीं छोड़ सकेंगे।
इसी मामले में ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बीआरएस नेता के. कविता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 मार्च को सुनवाई करेगा। कविता ने सोमवार को शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की थी। उन्हें ईडी ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था और वह 23 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में हैं।
के कविता को मिली बेटे और मां मिलने की अनुमति
वहीं, ईडी की रिमांड पर के. कविता को अदालत ने अपने दो बेटों, मां और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने की अनुमति दे दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कविता के भाई के. तारक रामा राव को छोड़कर उनके बेटों आदित्य और आर्या, मां कल्वकुंतला, दो बहनें एम. अखिला और पी. सौम्या और भाई वी प्रशांत रेड्डी को मिलने की अनुमति दी।
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