'निर्दोष हूं' साबित करने में सत्येंद्र जैन पूरी तरह फेल, AAP नेता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
अंतरिम जमानत पर बाहर चल रहे सत्येंद्र जैन 9 महीने बाद तिहाड़ जेल पहुंच गए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए तुरंत सरेंडर करने को कहा था। साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता हमें संतुष्ट करने में बुरी तरह फेल रहे हैं जिससे माना जाए कि वे कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन 9 महीने बाद सोमवार को एक फिर से तिहाड़ जेल पहुंच गए। वह मेडिकल आधार पर अभी तक अंतरिम जमानत पर बाहर थे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका को खारिज करते हुए तुरंत सरेंडर करने को कहा था।
पहली नजर में दोषी- SC
सुप्रीम कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि ईडी द्वारा इकट्ठा किए गए पर्याप्त सबूत दर्शाते हैं कि दो सहयोगी के साथ वह कथित अपराध के लिए पहली नजर में दोषी हैं। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की पीठ ने अंतरिम जमानत पर बाहर चल रहे सत्येंद्र जैन को तुरंत सरेंडर करने को कहा था।
पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आवेदक (सत्येन्द्र जैन) ने कैश के बदले आवास प्रविष्टियों के विचार की कल्पना की थी और कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों के माध्यम से चार कंपनियों के बैंक खाते में कुल 4.81 करोड़ रुपये प्राप्त किए। आगे कहा कि आप नेता के सहयोगी अंकुश जैन और वैभव जैन ने इनकम डिस्कोजर स्कीम (आईडीएस) के तहत झूठी घोषणाएं करके उनकी सहायता की थी।
संतुष्ट करने में पूरी तरह फेल
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता को ध्यान में रखते हुए हमारी राय है कि अपीलकर्ता हमें संतुष्ट करने में बुरी तरह फेल रहे हैं, जिससे माना जाए कि वे कथित अपराधों के लिए दोषी नहीं हैं। पीठ ने कहा कि ईडी द्वारा यह दिखाने के लिए पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई है कि वे कथित अपराधों के लिए प्रथम दृष्टया दोषी हैं।
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