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'3 पैरा लिखने में 7 दिन लगाए?', सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर CBI से पूछा सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई से एक अहम सवाल पूछा है। कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एएसवी राजू से पूछा कि क्या हाईकोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ सिर्फ 3 पैराग्राफ लिखने में 7 दिन लगाए? दरअसल एएसजी ने केजरीवाल को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट न जाने पर आपत्ति जताई।

By Jagran News Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 05 Sep 2024 03:29 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर CBI से पूछा सवाल।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलें रखी। इसके बाद सीबीआई की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू अपनी दलीलें कोर्ट के समक्ष रख रहे हैं। 

एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि याचिकाकर्ता सेशन कोर्ट गए बिना सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। धारा 439 के तहत, दोनों का समान क्षेत्राधिकार है। मेरी आपत्ति यह है कि उन्हें पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। गुण-दोष के आधार पर जांच करने वाली पहली अदालत ट्रायल कोर्ट है।

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को सेशन कोर्ट के फैसले का फायदा होगा। सामान्य सिद्धांत यह है कि पहले सेशन कोर्ट में जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेशन कोर्ट में न जाने से हाईकोर्ट ने अंततः योग्यता के आधार पर निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने उस आदेश को चुनौती दी है। बता दें, 5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था।

सभी आरोपियों ने ट्रायल कोर्ट का किया सामना: एएसजी

एएसजी ने कहा कि सिसोदिया, के. कविता सभी ने ट्रायल कोर्ट का सामना किया। उन्होंने कहा कि वह (केजरीवाल) दो बार ट्रायल कोर्ट नहीं गए हैं (जैसा कि सिसौदिया के मामले में हुआ है।) एएसजी ने के. कविता के मामले का भी हवाला दिया।

एएसजी ने कहा कि इन्ही की गिरफ्तारी में कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए सेशन कोर्ट में जाने को कहा था। वह ट्रायल कोर्ट गईं थी। इसे रिजेक्ट कर दिया गया था। इसके बाद वह सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुंची। वहीं आप संजय सिंह का भी मामला देख सकते हैं। 

ईडी मामले में भी केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट भेजा गया: एएसजी

एएसजी ने कहा कि आपने ही संजय सिंह को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था। यहां तक कि केजरीवाल के ईडी वाले मामले में भी ऐसा किया गया। उन्होंने गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, इस मामले में उन्हें ट्रायल कोर्ट भेजा गया गया था। इस मामले में ऐसा लगता है कि वह एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी शख्स हैं जिनको लेकर अगल नजरिया रखा जा रहा है। एएसजी ने कहा कि कई अदालतों का मानना है कि सबसे पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए। 

HC को उसी दिन आदेश पारित देना चाहिए था: जस्टिस जे. भुइयां

इस पर जस्टिस  जे. कांत भुइयां ने कहा कि हाईकोर्ट को इस प्रश्न पर तुरंत निर्णायक होना चाहिए था। हाईकोर्ट को उसी दिन आदेश पारित करना चाहिए था, जब नोटिस जारी किया गया था। जे भुइयां ने कहा कि भले ही हाईकोर्ट का अस्थायी दृष्टिकोण था, फिर भी उसे सुनना चाहिए था। देखिये इसकी वजह से क्या हुआ? उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ वादी सीधे संपर्क कर सकते हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हमें इस बात पर विचार करना होगा कि उच्चतम संस्थानों पर अधिक बोझ क्यों डाला जाए?

एएसजी ने कहा कि हाईकोर्ट बिना सुनवाई के यह फैसला नहीं कर सकता था। सीधे तौर पर यह नहीं कहा जा सकता था कि वापस जाओ। उन्हें नोटिस दिया गया था। 29 तारीख को इसे रिजर्व कर दिया गया था। ऐसा नहीं कि हाईकोर्ट ने ज्यादा देर लगा दी। इस पर जस्टिस जे भुइयां ने कहा कि आखिरकार, हाईकोर्ट ने इस बिंदु पर एक तर्कसंगत राय बनाई। हाईकोर्ट को यह 3 पैरा आदेश लिखने में 7 दिन लग गए?

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